रामजस कॉलेज में आयोजित सेमिनार में JNU के छात्र उमर खालिद को बुलाने को लेकर शुरू हुए विवाद की आग पूरी तरह बुझी भी नहीं थी कि, पंजाब विश्वविद्यालय में ABVP के छात्रों द्वारा एक सेमिनार में मानवाधिकार कार्यकर्ता सीमा आजाद को वक्ता के रूप में बुलाए जाने का विरोध शुरू हो गया है। शुक्रवार (3 मार्च) को ABVP के छात्र “फासीवाद” विषय पर सेमिनार का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुआ।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब यूनिवर्सिटी में ABVP के छात्रों ने ‘फासीवाद’ पर आयोजित सेमिनार में मानवाधिकार कार्यकर्ता सीमा आजाद को बुलाए जाने का इसका जोरदार विरोध भी किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आयोजकों को इसकी इजाजत नहीं दी है लेकिन उसके बावजूद भी इसके सेमिनार को आयोजित करा लिया गया। ABVP के छात्र “फासीवाद” विषय पर हुए सेमिनार का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए थे, लेकिन फिर भी सीमा आजाद भी इस सेमिनार में भाषण देने पहुंच गई।
मिली जानकारी के अनुसार, सीमा आजाद एक सिख के रुप में सेमिनार में हिस्सा लेने पहुंची थीं जिसकी वजह से ABVP के छात्र उनका बाहर ही इंतजार करते रह गए। छात्र संगठन एसएफएस के एक सदस्य ने बताया कि वह कैंपस में पूरे दिन मौजूद थीं लेकिन अपनी लोकेशन वह लगातार बदल रही थीं। सेमिनार की इजाजत नहीं मिलने पर एसएपएस ने वीसी अरुण कुमार ग्रोवर के दफ्तर के बाहर ही नारेबाजी करना शुरू कर दी सेमिनार आयोजित करा लिया। जनसत्ता कि ख़बरों के अनुसार, इस मामले को लेकर डीएसपी राम गोपाल ने कहा कि हमने आजाद को यूनिवर्सिटी में नहीं देखा।
उन्होंने आगे बताया कि अगर वह यूनिवर्सिटी में आई थीं तो उन्हें रोकने की पहली जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी प्रशासन की थी। हमारी जिम्मेदारी कानून-व्यवस्था बनाए रखने की है। गौरतलब है कि सीमा आजाद और उनके पति को माओवादी संगठनों का साथ देने के आरोप में देशद्रोह के केस में इलाहाबाद की एक स्थानीय अदालत की तरफ से उम्रकैद की सजा दी गई है। वह फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली बेल पर बाहर हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब विश्विवद्यालय में इकट्ठा एबीवीपी के छात्र पीयू से नहीं जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार ABVP के सदस्यों ने गुरुवार (2 मार्च) को एसएफएस को सेमिनार में सीमा आजाद को बुलाने पर “लाठी या तलवार” का प्रयोग करने की भी धमकी दी थी। पंजाब विश्वविद्यालय के स्टूडेंट ऑफ डीन इमैनुएल नाहर ने मीडिया से कहा कि विश्वविद्यालय राजनीतिक मंच नहीं है जहां छात्र कार्यक्रम या सेमिनार कराएं। आपको बता दें कि, दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हिंसक झड़पों को लेकर ABVP के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के वायरल होने के बाद श्रीराम कॉलेज की छात्रा और कारगिल शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर ने अपना फेसबुक अकाउंट डिलिट कर दिया है।
Courtesy: Janta Ka Reporter
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब यूनिवर्सिटी में ABVP के छात्रों ने ‘फासीवाद’ पर आयोजित सेमिनार में मानवाधिकार कार्यकर्ता सीमा आजाद को बुलाए जाने का इसका जोरदार विरोध भी किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आयोजकों को इसकी इजाजत नहीं दी है लेकिन उसके बावजूद भी इसके सेमिनार को आयोजित करा लिया गया। ABVP के छात्र “फासीवाद” विषय पर हुए सेमिनार का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए थे, लेकिन फिर भी सीमा आजाद भी इस सेमिनार में भाषण देने पहुंच गई।
उन्होंने आगे बताया कि अगर वह यूनिवर्सिटी में आई थीं तो उन्हें रोकने की पहली जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी प्रशासन की थी। हमारी जिम्मेदारी कानून-व्यवस्था बनाए रखने की है। गौरतलब है कि सीमा आजाद और उनके पति को माओवादी संगठनों का साथ देने के आरोप में देशद्रोह के केस में इलाहाबाद की एक स्थानीय अदालत की तरफ से उम्रकैद की सजा दी गई है। वह फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली बेल पर बाहर हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब विश्विवद्यालय में इकट्ठा एबीवीपी के छात्र पीयू से नहीं जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार ABVP के सदस्यों ने गुरुवार (2 मार्च) को एसएफएस को सेमिनार में सीमा आजाद को बुलाने पर “लाठी या तलवार” का प्रयोग करने की भी धमकी दी थी। पंजाब विश्वविद्यालय के स्टूडेंट ऑफ डीन इमैनुएल नाहर ने मीडिया से कहा कि विश्वविद्यालय राजनीतिक मंच नहीं है जहां छात्र कार्यक्रम या सेमिनार कराएं। आपको बता दें कि, दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हिंसक झड़पों को लेकर ABVP के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के वायरल होने के बाद श्रीराम कॉलेज की छात्रा और कारगिल शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर ने अपना फेसबुक अकाउंट डिलिट कर दिया है।
Courtesy: Janta Ka Reporter