कन्हैया कुमार पर राजद्रोह केस में आरोप साबित करने में नाकाम रही दिल्ली पुलिस

Published on: March 2, 2017
नई दिल्ली। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ लगाए गए राजद्रोह के आरोप को साबित करने में दिल्ली पुलिस नाकाम रही है। कन्हैया पर देशद्रोह से जुड़ी धाराएं बीते साल 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में हुए एक कार्यक्रम से जुड़े केस में लगाया गया था।

kanhaiya Kumar

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में पुलिस की ओर से तैयार चार्जशीट से इस बात का खुलासा हुआ है। सूत्रों ने चार्जशीट की डिटेल्स साझा की हैं। यह चार्जशीट सेक्शन 121ए (देशद्रोह) और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत तैयार की गई है। इसे पुलिस कमिश्नर के समक्ष सब्मिट किया गया है और मंजूरी का इंतजार है।
 
इस चार्जशीट में जेएनयू के स्टूडेंट उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को आरोपित किया गया है। पुलिस का कहना है कि संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु के प्रति हमदर्दी दिखाने के मकसद से खालिद के पास भारत विरोधी पोस्टर थे। चार्जशीट में 40 विडियो क्लिप्स की फरेंसिक रिपोर्ट का भी जिक्र है, जिनके जरिए यह साबित करने की कोशिश की गई है कि जेएनयू के इवेंट में भारत विरोधी नारे लगाए गए थे।
 
कन्हैया के मामले में पुलिस ने जांच को बंद नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने कोर्ट के ऊपर छोड़ा है कि कन्हैया के खिलाफ आरोप तय किए जाएं या नहीं। चार्जशीट में कहीं नहीं लिखा कि कन्हैया ने भारत विरोधी नारे लगाए। हालांकि, इस बात का जिक्र जरूर है कि इस नारेबाजी या कार्यक्रम को रोकने के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया।

Courtesy: National Dastak
 

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