धर्मनिरपेक्षता
September 27, 2022
सरदार भगत सिंह का नाम जेहन में आते ही एक ऐसे जोशीले नौजवान का चेहरा उभरता है, जो अकेले अपने दम पर हिंदुस्तान की धरती को गोरी हुकूमत से मुक्त कराने का हौसला और जज्बा रखता था। वही भगत सिंह जिसने असेंबली में बम फेंका था और हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। अगर आप यही जानते हैं तो आप भगत सिंह को नहीं जानते। भगत सिंह सिर्फ क्रांतिकारी ही नहीं बल्कि प्रखर पत्रकार भी थे। उन्होंने सांप्रदायिकता...
August 29, 2022
धार्मिक घृणा और साम्प्रदायिकता को मिटाने और भारतीयता एवं मानवता की भावना की जीत के लिए रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की विभिन्न इकाईयों की ओर से देवबंद सहित देश के एक सौ से अधिक शहरों में “सद्भावना संसद” का आयोजन किया गया। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने इसका नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि इस देश की सबसे बड़ी विशेषता अनेकता में एकता है। अंग्रेज जैसी दमनकारी...
August 22, 2022
आईएमएसडी सलमान रुश्दी पर हुए जानलेवा हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि विश्व प्रसिद्ध लेखक पर हमला 1989 में ईरानी फतवे के कारण हुआ है जिसमें कहा गया था कि इस्लाम के पैगंबर के खिलाफ ईशनिंदा करने के लिए रुश्दी को मार दिया जाना चाहिए। रुश्दी द्वारा 'मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने' के लिए माफी मांगने के बावजूद, उनके खिलाफ फतवा लागू रहा; उनके सिर पर इनाम...
August 16, 2022
सत्याग्रह के दौरान यह बात भी उभरकर आयी कि नागरिक अधिकारों पर लगातार हमले किये जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और पत्रकारों को फर्जी मुकदमों के जरिये न सिर्फ परेशान किया जा रहा है, बल्कि संदेह के आधार पर जेल भेजा जा रहा है और जमानत पर छूट न पाएं, इसके लिए पुलिस और सरकारी एजेंसियां एड़ी-चोटी एक कर रही हैं। जबकि, जमानत उनका कानूनी अधिकार है। मेधा पाटकर, तीस्ता सेतलवाड़, हिमांशु कुमार,...
August 10, 2022
शोक और चिंतन के पवित्र महीने की अन्य अनूठी परंपराएं भी हैं
कर्नाटक के हिरेबिदानूर गांव के हिंदुओं ने मुहर्रम के पवित्र महीने को मनाने के अपने तरीके विकसित किए हैं, यहां तक कि यहां कोई मुस्लिम परिवार भी नहीं रहता है।
मुहर्रम के दौरान, मुसलमान कर्बला की लड़ाई में पैगंबर इमाम हुसैन की मौत पर शोक मनाते हैं, और यह महीना शोक और आत्मनिरीक्षण के लिए समर्पित है। हालाँकि, बेलगावी जिले...
August 10, 2022
मातादीन को इस बार इस बात का बहुत दुख था कि वह ताजियादारी नहीं कर पाएंगे। घरेलू समस्या और पैसे की तंगी के साथ-साथ अपने ऊपर वह वर्तमान राजनीति का दबाव भी महसूस कर रहे थे। मातादीन का परिवार कई पीढि़यों से मुहर्रम के मौके पर ताजिया रखता चला आया है। घर के बाहर तख्त डाल कर उस पर बांस और कागज से बने हुए ताजिए को रखकर पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ सम्मान पूर्वक सेवा करते हुए कर्बला तक ले जाते रहे हैं।...
July 19, 2022
पहले स्थानीय मुसलमानों ने बाढ़ के दौरान अमरनाथ तीर्थयात्रियों के बचाव में सहायता की थी
कश्मीरियत घाटी में जीवित है और अच्छी तरह से है, जहां हिंदू और मुसलमान यह दिखा रहे हैं कि कैसे वे मानवता को हर रोज धर्म से ऊपर रख रहे हैं।
हाल ही में कश्मीरी पंडितों का श्रीनगर एयरपोर्ट पर हाजियों का स्वागत करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। मुसलमानों के पवित्र तीर्थ हज से लौटने...
June 22, 2022
मुजफ्फरनगर में एक नगर निगम की बैठक में मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें और वीडियो तब वायरल हो गए जब उनके सहयोगियों द्वारा वंदे मातरम गाने के दौरान उन्होंने खड़े होने से इनकार कर दिया।
Image Courtesy: Twitter
दावा: कुछ मुस्लिम महिलाओं ने मुजफ्फरनगर नगर पालिका बोर्ड की बैठक में राष्ट्रगान गाए जाने के दौरान बैठी रहकर उसका अपमान किया
पर्दाफाश! कार्यक्रम में राष्ट्रीय गीत यानि वंदे...
June 18, 2022
अभद्र भाषा, हिंसा के प्रकोप और बुलडोजर अन्याय के उदाहरणों के बीच, आइए हम आम नागरिकों के प्रयासों पर एक नज़र डालें जिन्होंने सद्भाव बनाए रखने में मदद की
पिछले हफ्ते कई मीडिया घरानों द्वारा बुलडोजर अन्याय का कवरेज बढ़ते सांप्रदायिक विभाजन और हिंसा के प्रकोप के साथ-साथ विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों के हाशिए पर जाने के बारे में किया गया है। जबकि आज के समाचारों को रिपोर्ट करना आवश्यक...
June 13, 2022
"बनारस के अल्पसंख्यक समुदाय ने शांति-सद्भाव की एक बड़ी मिसाल पेश की है। इस तबके के लोगों ने अपना कारोबार बंद रखकर विरोध तो प्रदर्शित किया, लेकिन सड़क पर उतरकर ऐसी कोई हरकत नहीं की जिससे शहर का अमनो-अमान बिगड़े। बनारस अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए समूची दुनिया में जानी जाती है।"
एक के बाद एक कई आतंकी हमलों को झेल चुके बनारस ने समूची दुनिया को अमन-चैन को जो पैगाम दिया है उसे हमेशा...