2019 तक पहुंचते-पहुंचते खत्म हो गई मोदी लहर ? योगी आदित्यनाथ की रैलियों में नहीं जुट रही भीड़

Written by sabrang india | Published on: April 3, 2019
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है सभी पार्टियां जमकर प्रचार में लगी हैं। इस बीच कांग्रेस के घोषणा पत्र ने बीजेपी को सांसत में डाल दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से राहुल गांधी लगातार परफॉर्मेंस सुधारते नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी का चौकीदार चोर का नारा हो या बीजेपी की जुमलेबाजी पर कटाक्ष करना, सभी का असर इन लोकसभा चुनावों में भी नजर आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी इस बार अच्छे दिन, रोजगार के मुद्दे पर बोलने से बिल्कुल किनारा कर रही है वहीं मोदी हिंदुत्व और पाकिस्तान का राग अलापते नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित योगी आदित्यनाथ जैसे बीजेपी के दिग्गज नेताओं की जनसभाओं में इस बार 2014 के मुकाबले काफी कम भीड़ नजर आ रही है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 2019 के चुनाव का आगाज़ उन्हीं के सूबे में ठीक से नहीं हो पा रहा है। अब तक हुये सभी कार्यक्रमों में उन्हें खाली कुर्सियों से ज़्यादा दो चार होना पड़ा है। ताज़ा खबर वाराणसी से है, जहां मंगलवार को नव मतदाता सम्मेलन में शिरकत करने के लिए योगी आदित्यनाथपहुंचे थे। लेकिन इस दौरान सभागार में आधी कुर्सियां खाली दिखाई दीं। यही नहीं जो लोग मौजूद थे, उसमें युवाओं की जगह बीजेपी के बुजुर्ग कार्यकर्ता दिखे। सीएम योगी वाराणसी में मंगलवार को नव मतदाता सम्मेलन में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन इस दौरान सभागार में आधी कुर्सियां खाली दिखाई दीं। ।एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार हुआ जब वाराणसी में सीएम योगी आदित्यनाथ का फ्लॉप शो दिखाई पड़ा।

पिपलानी कटरा स्थित सरोजा पैलेज में गिनती के युवा सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में पहुंचे थे। नतीजा ये हुआ कि जैसे-तैसे सभागार आधा भर पाया। जबकि आधी कुर्सियों से युवा गायब थे। ये देख कार्यक्रम के संयोजकों के पसीने छूटने लगे।सीएम के सामने बेइज्जती होते देख आनन-फानन में संयोजकों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को बुलाना शुरू किया। इसके बाद युवाओं की जगह बीजेपी के बुजुर्ग कार्यकर्ताओं ने ली। हालांकि, सभागार की तस्वीरें देख सीएम भी नाखुश दिखे। इसे लेकर सभागार में तरह-तरह की चर्चा चलती रही। वाराणसी को बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी खुद यहां से सांसद हैं। इसके बावजूद शहर के अंदर बीजेपी का हाल देख राजनीतिक जानकार भी हैरान हैं।  

इसके पहले योगी मथुरा में सांसद हेमा मालिनी के नामांकन में गये थे वहां हुई जनसभा में भी कुर्सियां खाली थीं। जिसकी खबरे भी सुर्खियां बनी थीं , गाज़ियाबाद में भी यही हाल था गाज़ियाबाद के बाद 26 मार्च को वाराणसी में विजय संकल्प सभा हुई थी, उसमे भी आधी से ज़्यादा कुर्सियां खाली रह गई थीं।  इस सभा में तो बीजेपी के कार्यकर्ता कुर्सी हटाते और रखते नज़र आये थे।  

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