शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कुरान की 26 आयतें हटाने की मांग की है
नई दिल्ली। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी की कुरान से 26 आयतों को हटाने वाली उनकी पीआईएल के खिलाफ लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मंगलवार को वसीम रिज़वी को एक नोटिस भेजा है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने वसीम रिज़वी को नोटिस भेजकर 21 दिन में जवाब मांगा है।
आयोग ने अपने भेजे नोटिस में भी वसीम रिज़वी द्वारा कुरान को लेकर डाली गई पीआईएल पर नाराजगी जाहिर की है। आयोग ने वसीम रिज़वी की विवादित टिप्पणियों और धार्मिक भावनाओं को आहत करने पर उन्हें नोटिस जारी किया है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने वसीम रिज़वी को बिना शर्त माफी मांगने और अपना बयान वापस लेने की बात कही है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कहा है कि अगर वसीम ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
आयोग ने पत्र जारी करते हुए यह बात बताई कि यह मामला अब्दुल मजीद निजामी, अली रजा जैदी मोहम्मद फैजान चौधरी और मौलाना सैयद नजर अब्बास की शिकायत के बाद लिया गया है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी माना कि मीडिया में दिया गया वसीम रिज़वी का कुरान को लेकर बयान धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला और देश का माहौल खराब करने वाला है।
आयोग ने यह भी कहा है कि वसीम रिज़वी ने सोची-समझी साजिश के तहत ऐसा बयान दिया है और देश में आपसी सौहार्द बिगाड़ने वाला बयान है। इससे पहले भी वसीम रिज़वी के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। राजधानी लखनऊ में तो शिया मौलाना कल्बे जवाद ने वसीम रिज़वी की गिरफ्तारी की मांग की थी और लखनऊ के बड़े इमामबाड़े पर एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था।
ये है पूरा मामला
बता दें कि वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की है कि “कुरान की 26 आयतों को हटाया जाए”। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रिजवी ने अपनी याचिका में कहा है कि मुसलमानों की पवित्र पुस्तक कुरान में "कुछ छंद हैं जो आतंकवाद, हिंसा, जिहाद को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किए जाते हैं"। आजतक को दिए एक इंटरव्यू में रिज़वी ने दावा किया कि इन आयतों को बाद में कुरान में जोड़ा गया। रिज़वी, जो दक्षिणपंथी राजनेताओं के करीबी माने जाते हैं, ने समाचार चैनल को बताया कि इन "मोहम्मद साहब के बाद पहले खलीफा हज़रत अबू बकर, दूसरे खलीफा हज़रत उमर और तीसरे खलीफा हज़रत उस्मान के द्वारा कुरान को कलेक्ट करके उसको किताबी शक्ल में जारी किया गया। इसे युद्ध में ताकत हासिल करने के लिए इन्हें जोड़ा।"
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