असम के मंत्री बोले- NRC से खुश नहीं बीजेपी, नागरिकता संशोधन विधेयक लाएंगे

Written by sabrang india | Published on: September 25, 2019
असम के मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को NRC को लेकर एक बयान दिया जिससे बीजेपी के मंसूबों का पर्दाफाश हो गया है। हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि भाजपा नवंबर में संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को फिर से पेश करने पर विचार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि असम राज्य में एक नया NRC होगा। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान ‘नागरिक संशोधन विधेयक’ दोबारा से पेश किया जाएगा, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों के लिए नागरिकता का प्रावधान होगा।



सरमा ने कहा, “यदि 2 से 3 लाख हिंदू भारत में शरण चाहते हैं, तो क्या हम उन्हें दुश्मन मानेंगे? बंगाली हिंदू चिंता में है और अपने भविष्य को लेकर दुखी है। जो लोग भारत माता में विश्वास रखते हैं, बौध, जैन, ईसाई, सिख और पारसियों को नागरिकता दी जाएगी। सिर्फ 3 से 4 महीने रुक जाइए।” उन्होंने कहा कि असम चाहता है कि हिंदू बंगलियों को नागरिकता दी जाए। असम की राष्ट्रीयता भाषा आधारित है। असमी लोग बंगालियों के खिलाफ नहीं हैं।

सरमा असम के करीमगंज में एक सार्वजनिक सभा में बोल रहे थे। यह इलाका बांग्लादेश सीमा के बहुत करीब है। सरमा ने कहा, “हमने लोगों को यह समझाने के लिए सार्वजनिक बैठकें की हैं कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के भारतीय लोगों के सभी हितों और मौजूदा कानूनी प्रावधानों की रक्षा की जाएगी। हम आंतरिक लाइन परमिट (ILP) प्रणाली, छठी अनुसूची के प्रावधानों का सम्मान करते हैं। ”

असम में CAB का मुखर रूप से विरोध हुआ है क्योंकि राज्य में अंदरूनी बनाम बाहरी बहस जातीय आधार पर हुई है। लेकिन भाजपा ने अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए सांप्रदायिक आयाम जोड़ा है। जबकि असम के लोग हमेशा नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) साथ खड़े रहे हैं, जो अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों (हिंदू और मुस्लिम दोनों) की मदद करने के लिए बनाया और अद्यतन किया गया था। जबकि, असम के लोग CAB के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं क्योंकि यह प्रावधान बंगाली हिंदुओं को नागरिकता देता है, लेकिन मुसलमानों को नहीं। राज्य में पिछले दिनों CAB के खिलाफ कई हिंसक विरोध प्रदर्शन भी हुए।

लेकिन सरमा ने लोगों से याचना की मुद्रा में अपील करके इन आशंकाओं को दूर करने की उम्मीद की। उन्होंने कहा, "लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि यह बिल उनकी संस्कृति, भाषा और विरासत के हित के खिलाफ है।"
 
सरमा ने अंतिम एनआरसी के परिणाम से अपनी पार्टी के पूर्ण असंतोष को खुले तौर पर स्वीकार किया। सरमा के वक्तव्य ने बांग्लादेशी घुसपैठ के हौव्वे का पूरी तरह से पर्दाफाश करने का काम किया है। सरमा ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी को एनआरसी पर विश्वास नहीं है क्योंकि हम जो चाहते थे, उसके विपरीत हो गया। हम सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे कि भाजपा एनआरसी को खारिज करती है। यह असमिया लोगों की पहचान का दस्तावेज नहीं है।”

बाकी ख़बरें