नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के उम्मीदवार बनाए जाने के बाद स्वपन दास गुप्ता ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। टीएमसी ने स्वपन दास गुप्ता की उम्मीदवारी पर सवाल उठाए थे। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संविधान के नियमों का हवाला देते हुए दास गुप्ता को अयोग्य करार देते की मांग की थी। आरोपों के बाद गुप्ता ने कहा था कि मैंने अभी नामांकन नहीं भरा है, नामांकन से पहले सारे विवादों को खत्म कर लिया जाएगा।

राज्यसभा इस्तीफा देने के बाद स्वपन दास गुप्ता ने कहा, ''मैंने एक बेहतर बंगाल की लड़ाई के लिए खुद को पूरी तरह से प्रतिबद्ध करने के लिए आज राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। अगले कुछ दिनों में तारकेश्वर विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करूंगा।''
महुआ मोइत्रा ने उठाए थे सवाल
महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, ''स्वपन दासगुप्ता पश्चिम बंगाल चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवार हैं। संविधान की 10 वीं अनुसूची में कहा गया है कि अगर कोई शपथ के साथ 6 महीने के बाद किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है तो राज्यसभा सदस्य को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। उन्हें अप्रैल 2016 में शपथ दिलाई गई थी। बीजेपी में शामिल होने के लिए अब अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।''
टीएमसी के आरोपों पर स्वपन दासगुप्ता ने कहा, ''नियमों के बारे में मुझे पता है। ये सवाल अगर नॉमिनेशन फ़ाइल करने के वाद उठता तो इसमें बोलने के लिए कुछ होता। अब जब मैं नामांकन अब तक भरा ही नहीं तो इसपर मुझे कुछ टिप्पणी नहीं करनी है। लेकिन इतना बता सकता हूं कि सभी नियमों का पालन करते हुए ही नामांकन भरा जाएगा।"
संविधान की 10वीं अनुसूची की धारा 102 (2) और 191 (2) के तहत अयोग्यता के नियम 3 में कहा गया है कि यदि किसी सदन का नामित सदस्य शपथ लेने और उसके 6 महीने की अवधि की समाप्ति के बाद अगर किसी राजनीतिक दल में शामिल हो जाता है तो वह अयोग्य घोषित किया जाएगा।

राज्यसभा इस्तीफा देने के बाद स्वपन दास गुप्ता ने कहा, ''मैंने एक बेहतर बंगाल की लड़ाई के लिए खुद को पूरी तरह से प्रतिबद्ध करने के लिए आज राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। अगले कुछ दिनों में तारकेश्वर विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करूंगा।''
महुआ मोइत्रा ने उठाए थे सवाल
महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, ''स्वपन दासगुप्ता पश्चिम बंगाल चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवार हैं। संविधान की 10 वीं अनुसूची में कहा गया है कि अगर कोई शपथ के साथ 6 महीने के बाद किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है तो राज्यसभा सदस्य को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। उन्हें अप्रैल 2016 में शपथ दिलाई गई थी। बीजेपी में शामिल होने के लिए अब अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।''
टीएमसी के आरोपों पर स्वपन दासगुप्ता ने कहा, ''नियमों के बारे में मुझे पता है। ये सवाल अगर नॉमिनेशन फ़ाइल करने के वाद उठता तो इसमें बोलने के लिए कुछ होता। अब जब मैं नामांकन अब तक भरा ही नहीं तो इसपर मुझे कुछ टिप्पणी नहीं करनी है। लेकिन इतना बता सकता हूं कि सभी नियमों का पालन करते हुए ही नामांकन भरा जाएगा।"
संविधान की 10वीं अनुसूची की धारा 102 (2) और 191 (2) के तहत अयोग्यता के नियम 3 में कहा गया है कि यदि किसी सदन का नामित सदस्य शपथ लेने और उसके 6 महीने की अवधि की समाप्ति के बाद अगर किसी राजनीतिक दल में शामिल हो जाता है तो वह अयोग्य घोषित किया जाएगा।