धर्म के नाम पर खड़ी की जा रही दीवार, अन्याय के खिलाफ लड़ने वालों को मिल रही सजाः नसीरुद्दीन शाह

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 5, 2019
एमनेस्टी इंडिया की ओर से जारी एक वीडियो में नसीरुद्दीन शाह ने दावा किया कि भारत में धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है और इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को सजा दी जा रही है।



तकरीबन दो मिनट के इस वी़डियो में शाह ने कहा कि जिन लोगों ने मानवाधिकारों की मांग की उन्हें जेल में डाला जा रहा है। उन्होंने वीडियो संदेश में कहा, कलाकारों, अभिनेताओं, शोधार्थियों, कवियों सभी को दबाया जा रहा है। पत्रकारों को भी चुप कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा, धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है। निर्दोषों की हत्या की जा रही है। देश भयानक नफरत और क्रूरता से भरा हुआ है।

अभिनेता ने कहा कि जो इस अन्याय के खिलाफ खड़ा होता है उन्हें चुप कराने के लिए उनके कार्यालयों में छापे मारे जाते हैं, लाइसेंस रद्द किए जाते हैं और बैंक खाते फ्रीज किए जाते हैं ताकि वे सच ना बोलें। 

उन्होंने कहा, हमारा देश कहां जा रहा है? क्या हमने ऐसे देश का सपना देखा था जहां असंतोष की कोई जगह नहीं है, जहां केवल अमीर और शक्तिशाली लोगों को सुना जाता है और जहां गरीबों तथा सबसे कमजोर लोगों को दबाया जाता है? जहां कभी कानून था लेकिन अब बस अंधकार है।

एमनेस्टी ने ‘अबकी बार मानवाधिकार’ हैशटैग के तहत दावा किया कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकारों की पैरवी करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की गई।

एमनेस्टी ने कहा, चलिए इस नववर्ष हमारे संवैधानिक मूल्यों के लिए खड़े हों और भारत सरकार को बताए कि अब कार्रवाई बंद होनी चाहिए।

बता  दें कि इससे पहले नसीरुद्दीन शाह ने पिछले में एक ऐसा ही बयान दिया था जिसमें उन्होने कहा था कि गाय की मौत एक पुलिस अधिकारी की मौत से अधिक महत्वपूर्ण है। शाह बुलंदशहर में तीन दिसंबर को कथित गोकशी को लेकर हुई भीड़ की हिंसा की घटना पर बोल रहे थे। हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की मौत हो गई थी।

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