उत्तराखंड में आटा चक्की ‘अपवित्र’ करने पर दलित का सिर कलम

Published on: October 8, 2016
गांव वालों का कहना है कि दलित और ऊंची जाति के लोग, दोनों इस आटा चक्की में आते हैं। लेकिन नवरात्रि होने की वजह से ऊंची जातियों के लोगों ने दलितों को फरमान जारी किया था कि देवी के लिए आटा तैयार होने के बाद ही वे अपना आटा लेने आएं।

Dalit Attacked
Illustration:  DNA

पीटीआई :  पिथौरागढ़ । उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में प्राइमरी स्कूल के टीचर ने आटा चक्की को अपवित्र करने के ‘अपराध’ में एक दलित का सिर काट डाला। ऊंची जाति के इस टीचर का कहना था कि दलित के घुस आने से गांव के ग आटे की चक्की अशुद्ध हो गई।

बागेश्वर के एसपी सुखबीर सिंह ने बताया कि टीचर ललित कर्नाटक ने 35 साल के दलित सोहन राम को आटा चक्की में घुस आने पर गालियां देनी शुरू कर दीं। जातिसूचक गालियों से नाराज सोहन राम ने इसका विरोध किया। इससे नाराज ललित कर्नाटक ने हंसिये से उसका सिर काट डाला। सोहन राम की मौके पर ही मौत हो गई।

सुखबीर सिंह के मुताबिक कर्नाटक को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। उसके खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निरोधक) कानून के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

यह घटना, सीमावर्ती पिथौरागढ़ इलाके में बागेश्वर जिले के कड़रिया गांव में मंगलवार शाम हुई। सोहन गांव में कुंदन कुमार सिंह की आटा चक्की में पिसवाने के लिए दिया गया अपना गेहूं लेने गया था। पड़ोस के गांव में पढ़ाने वाले ललित ने जब उसे चक्की में घुसते देखा तो जातिसूचक गालियां देते हुए उसकी बेइज्जती करने लगा। उसका कहना था कि दलित के घुसने से आटा चक्की अपवित्र हो गई। जब सोहन ने इसका प्रतिरोध किया तो ललित कर्नाटक ने गुस्से में उस पर हंसिये से वार कर दिया। सोहन की मौके पर ही मौत हो गई।

गांव वालों का कहना है कि दलित और ऊंची जाति के लोग, दोनों इस आटा चक्की में आते हैं। लेकिन नवरात्रि होने की वजह से ऊंची जातियों के लोगों ने दलितो को फरमान जारी किया था कि देवी के लिए आटा तैयार होने के बाद ही वे अपना आटा लेने आएं। 

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