यूपी: 'राम जी' के सहारे पास हुए फार्मेसी के छात्रों के पुनर्मूल्यांकन में नंबर आए जीरो, दो प्रोफेसर निलंबित

Written by sabrang india | Published on: May 2, 2024
पूर्वांचल यूनिवर्सिटी में फार्मेसी डिपार्टमेंट में 'जय श्रीराम' लिखकर आए चार छात्र परीक्षा में पास कर दिए गए। इसके बाद कॉपी फिर से चेक हुई तो इन्हें जीरो नंबर मिले क्योंकि कॉपी में कुछ लिखा ही नहीं था।


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पिछले कुछ वर्षों में धर्म का ऐसा खेल खेला जा रहा है कि देश की युवा पीढ़ी तो छोड़िए, उच्च शिक्षित प्रोफेसर भी इसके आगे नतमस्तक हैं। इसे व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का कमाल कहें या कुछ और, पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र उत्तरपुस्तिका में सिर्फ जय श्री राम लिखने पर पास कर दिये गए। 

मामला यूपी के जौनपुर जिले के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का है। यहां उन छात्रों को पास कर दिया गया, जो अपनी कॉपी में सिर्फ जय श्रीराम लिखकर आये थे। फार्मेसी फर्स्ट ईयर के इन छात्रों को 56 प्रतिशत अंक मिले। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में ये खुलासा हुआ। बताया जा रहा है कि जय श्रीराम के साथ इन छात्रों ने कॉपी में कुछ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटरों के नाम भी लिखे थे। इसके बाद भी इन छात्रों को शिक्षकों ने पास कर दिया। विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति की बैठक में इसके लिए दो शिक्षकों डॉ। आशुतोष गुप्ता और डॉ। विनय वर्मा को दोषी ठहराया गया।

पूर्व छात्र ने खोली पोल: सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र द्वारा मांगी गई जानकारी के बाद इस मामले का पर्दाफाश हुआ। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र दिव्यांशु सिंह ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा संचालित डी।फार्मा पाठ्यक्रम के प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर के कुछ छात्रों को सही उत्तर न देने पर भी परीक्षा में उत्तीर्ण कर दिया गया है तो उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत विश्वविद्यालय से जानकारी मांगी।

जय श्रीराम और खिलाड़ियों के नाम लिखे: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिव्यांशु सिंह ने कहा कि तीन अगस्त, 2023 को उन्होंने कुछ रोल नंबर देकर उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी। जांच के दौरान, यह पाया गया कि चार अलग-अलग बार-कोड वाली कॉपियों में छात्रों ने केवल ‘जय श्री राम’ और विराट कोहली, रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या आदि जैसे खिलाड़ियों के नाम लिखे थे और उन्हें 75 में से 42 अंकों के साथ उत्तीर्ण किया गया जो 56 फीसदी प्राप्तांक हैं।

पैसे लेकर किया पास: पूर्व छात्र ने इन तथ्यों के सामने आने पर राजभवन (राज्यपाल कार्यालय) को पत्र लिखकर एक प्रोफेसर पर पैसे लेकर छात्रों को पास करने का आरोप लगाया। उन्होंने सभी शिकायतें हलफनामे के साथ राजभवन को भी भेजी और राजभवन ने इसका संज्ञान लेते हुए 21 दिसंबर, 2023 को जांच और कार्रवाई का आदेश दिया था।

फिर से कॉपी हुई चेक, जीरो नंबर मिले: इस पर विश्‍वविद्यालय ने जांच कमेटी गठित की और दो बाहरी परीक्षकों से कराए गए पुनर्मूल्यांकन में इन छात्रों को शून्य अंक मिले। उन्होंने कहा कि परीक्षा नियंत्रक ने एक जांच समिति बनाकर मामले की जांच की, जिसने कुलपति को दी गयी अपनी रिपोर्ट में दोनों शिक्षकों को दोषी ठहराया। विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ। वंदना सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए बुधवार को परीक्षा समिति की बैठक बुलाई गई और इसमें फार्मेसी विभाग के दो शिक्षकों को गलत मूल्यांकन का दोषी माना गया है। कुलपति ने कहा दोनों शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का निर्णय लिया गया है और अंतिम निर्णय के लिए इसे कार्यपरिषद के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।

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