लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को लेकर चल रही तमाम सियासी चर्चाओं के बीच एक बड़ी ख़बर गठबंधन को लेकर सामने आई है। आज़ाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण ने कहा है कि उनकी पार्टी एसपी और आरएलडी के गठबंधन में शामिल हो सकती है। अगर यह गठबंधन बना तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा मुश्किल बीजेपी को होगी क्योंकि यहां की सियासी ज़मीन उसके लिए उपजाऊ रही है और बीते कुछ चुनावों में उसने यहां ख़ूब वोट बटोरे हैं।
रावण ने एनडीटीवी हिन्दी के साथ बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज चल रहा है और ऐसे में यहां बीजेपी को रोकने के लिए बड़े गठबंधन की ज़रूरत है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि एसपी और आरएलडी के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन ज़रूर हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन दलों के साथ बातचीत जारी है और जल्द चीजें साफ होंगी। ऐसे में यही लगता है कि इसकी घोषणा होने में अब औपचारिकता ही बची है।
सहारनपुर से आने वाले चंद्रशेखर रावण ने कुछ साल पहले ही भीम आर्मी का गठन किया था और देश के कई राज्यों में उन्होंने इस संगठन का विस्तार किया। पिछले साल उन्होंने इसकी राजनीतिक शाखा बनाई और इसका नाम रखा- आज़ाद समाज पार्टी।
चंद्रशेखर रावण ने दलितों के उत्पीड़न के मुद्दों पर आवाज़ उठाई है और हाथरस बलात्कार मामले सहित कई घटनाओं में वह सड़क पर भी उतरे हैं। सोशल मीडिया पर उन्हें काफ़ी लोग पसंद करते हैं और वह बहुजन समाज की राजनीति करने की बात दोहराते हैं।
राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) का जहां जाट समुदाय में अच्छा जनाधार है, वहीं आज़ाद समाज पार्टी दलितों में पैठ जमा रही है। इसके अलावा एसपी प्रदेश स्तर की पार्टी है और यहां भी उसके कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हैं। एसपी को उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का अच्छा समर्थन हासिल है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय की आबादी 17 फ़ीसदी है जबकि मुसलमानों की 26 फ़ीसदी। इसके अलावा दलितों की भी अच्छी सियासी हैसियत है। इन तीनों का वोट इस संभावित गठबंधन को मिला तो बाक़ी दलों की सियासी नाव का डूबना तय है।
रावण ने एनडीटीवी हिन्दी के साथ बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज चल रहा है और ऐसे में यहां बीजेपी को रोकने के लिए बड़े गठबंधन की ज़रूरत है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि एसपी और आरएलडी के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन ज़रूर हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन दलों के साथ बातचीत जारी है और जल्द चीजें साफ होंगी। ऐसे में यही लगता है कि इसकी घोषणा होने में अब औपचारिकता ही बची है।
सहारनपुर से आने वाले चंद्रशेखर रावण ने कुछ साल पहले ही भीम आर्मी का गठन किया था और देश के कई राज्यों में उन्होंने इस संगठन का विस्तार किया। पिछले साल उन्होंने इसकी राजनीतिक शाखा बनाई और इसका नाम रखा- आज़ाद समाज पार्टी।
चंद्रशेखर रावण ने दलितों के उत्पीड़न के मुद्दों पर आवाज़ उठाई है और हाथरस बलात्कार मामले सहित कई घटनाओं में वह सड़क पर भी उतरे हैं। सोशल मीडिया पर उन्हें काफ़ी लोग पसंद करते हैं और वह बहुजन समाज की राजनीति करने की बात दोहराते हैं।
राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) का जहां जाट समुदाय में अच्छा जनाधार है, वहीं आज़ाद समाज पार्टी दलितों में पैठ जमा रही है। इसके अलावा एसपी प्रदेश स्तर की पार्टी है और यहां भी उसके कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हैं। एसपी को उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का अच्छा समर्थन हासिल है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय की आबादी 17 फ़ीसदी है जबकि मुसलमानों की 26 फ़ीसदी। इसके अलावा दलितों की भी अच्छी सियासी हैसियत है। इन तीनों का वोट इस संभावित गठबंधन को मिला तो बाक़ी दलों की सियासी नाव का डूबना तय है।