टीवी पत्रकार का बड़ा खुलासाः दरिंदगी की दास्तां सुनाने के लिए पैसे लेता था निर्भया का दोस्त

Written by Sabrangindia Staff | Published on: October 12, 2019
दिसंबर 2013 में दिल्ली में हुए दिल दहलाने वाले निर्भया गैंगरेप में नया खुलासा हुआ है। टीवी पत्रकार अजीत अंजुम ने कई ट्वीट कर दावा किया है कि निर्भया का बॉयफ्रेंड टीवी चैनल्स पर इंटरव्यू देने के लिए पैसे लेता था। पत्रकार ने यह भी बताया कि उन्होंने इतने सालों तक इस मामले को सामने क्यों नहीं रखा। पत्रकार ने अपने ट्वीट्स में क्या लिखा, नीचे पढ़िए-



Netflix पर देर रात तक #DelhiCrime देखकर विचलित होता रहा। निर्भया रेप कांड पर है ये सीरीज। मुझे याद आ गया निर्भया को वो दोस्त,जो उस गैंगरेप के वक्त उसके साथ बस में था। जो अपनी दोस्त के साथ हुई दरिंदगी का गवाह था। उसके बारे में आज वो सच बताने जा रहा हूं जो आज तक छिपा रखा था।

वाकया सितंबर 2013 का है। निर्भया रेप कांड के आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी।सभी चैनलों पर निर्भया कांड के बारे में लगातार कवरेज हो रहा था। मैं उस वक्त 'न्यूज 24' का मैनेजिंग एडिटर था। निर्भया का दोस्त कुछ चैनलों पर उस जघन्य कांड की कहानी सुना रहा था। 

मैंने भी अपने रिपोर्टर्स को निर्भया के दोस्त को अपने स्टूडियो लाने की जिम्मेदारी दी। कुछ देर में मुझे बताया गया कि उसका दोस्त अपने चाचा के साथ ही स्टूडियो जाता है और इसके बदले हजारों रुपए लेता है। सुनकर पहले तो यकीन नहीं हुआ। उस लड़के पर बहुत गुस्सा भी आया। 

मैं इस बात पर बौखलाया था कि जिस लड़के के सामने उसकी गर्लफ्रेंड गैंगरेप और दरिंदगी की शिकार होकर दुनिया से रुखसत हो गई हो, उसकी दास्तान सुनाने के बदले वो लड़का चैनलों से 'डील' कर रहा है। मैं उसको लगातार टीवी पर देख रहा था। मुझे उसकी आंखों में कभी दर्द नहीं दिख रहा था।

मैंने फैसला किया कि पैसे मांगते और पैसे लेते हुए निर्भया के इस दोस्त का स्टिंग करुंगा और ऑन एयर एक्सपोज करुंगा। उसकी जगह मैंने खुद को रखकर कई बार सोचा। लगातार सोचता रहा। वहशियों की शिकार दोस्त की चीखें जिसके कानों में गूंजी होंगी, वो पैसे ले लेकर चैनलों को कहानी सुनाएगा? 

मेरे रिपोर्टर ने मेरे सामने बैठकर मोबाइल से उस लड़के के चाचा से बात की। उसने एक लाख लेकर स्टूडियो में आने की बात की। कम करके 70 हजार पर बात तय हुई। मैंने सोचा कि कहीं चाचा तो भतीजे के नाम पर पैसे नहीं ले रहा? मैं चाहता था कि पैसे उस लड़के के सामने दिए जाएं।

निर्भया के उस 'दोस्त' के सामने स्टूडियो इंटरव्यू के लिए 70 हजार दिए गए। खुफिया कैमरे में सब रिकार्ड हुआ। फिर उसे स्टूडियो ले जाया गया। दस मिनट की बातचीत के बाद ऑन एयर ही उस लड़के से पूछा गया कि आप निर्भया की दर्दनाक दास्तान सुनाने के लिए चैनलों से पैसे क्यों लेते हो? 

हमने तय किया था कि ये शो पहले रिकार्ड करेंगे । फिर तय करेंगे कि क्या करना है। वो लड़का पैसे लेने की बात से इंकार करता रहा। फिर रिकार्डिंग के दौरान ही उस लड़के को ऑन स्क्रीन ही उसके स्टिंग का हिस्सा दिखाया गया । तब उसके होश उड़ गए। कैमरों के सामने उसने माफी मांगी। 

'न्यूज 24 ' के स्टूडियो  से बाहर आने के बाद मैं खुद उसे जलील करता रहा। मेरा गुस्सा सिर्फ इस बात को लेकर था कि तुम्हारी दोस्त तुम्हारी आंखों के सामने दरिंदगी की शिकार हुई। तुम बच गए। वो मर गई और तुम उस वारदात को सुना -सुनाकर चैनलों से लाखों रुपए कमाने में लगे हो? 

दूसरे माले के स्टूडियो से लेकर ग्राउंड फ्लोर तक न्यूजरुम के साथी जमा हो गए थे। सब गुस्से में थे कि कैसा ये लड़का है, जिसने निर्भया की कहानी को कमाने का जरिया बना लिया है।सब चाहते थे तुरंत पूरा शो ऑन एयर हो ताकि हकीकत पता चले।तब तक सभी चैनल उस लड़के का इंटरव्यू दिखा रहे थे।

निर्भया के उस 'दोस्त' को मैं जितना सुना सकता था, सुनाया। उस शो को ऑन एयर करके लिए करीब -करीब पूरा न्यूजरुम एक तरफ और मैं एक तरफ। रिकार्डिंग के बाद उसे ऑन एयर नहीं करने का फैसला मेरा था। रिकार्डिंग के बाद मुझे लगा कि कहीं आरोपियों के वकील इसका इस्तेमाल अपने पक्ष में न कर लें।

उस वक्त जब कई चैनल निर्भया के इस 'दोस्त ' के लंबे -लंबे इंटरव्यू चला रहे थे, तब अगर हमने एक घंटे का ये स्पेशल शो और स्टिंग चला दिया होता तो रेटिंग भी आती ।हंगामा भी मचता।  देश भर में चर्चा भी होती और चैनल का नाम भी होता। फिर भी मैंने सोच-समझकर फैसला लिया कि इसे नहीं चलाना है।

उस वक्त 'न्यूज़ 24' में कंसल्टेंट के तौर पर काम करने वाली रवीना राज कोहली तक ने कई बार कहा कि ये शो ऑन एयर करना चाहिए लेकिन मेरे अपने तर्क थे और कंपनी की CMD अनुराधा प्रसाद भी आखिर में सहमत हुईं कि इस स्टिंग और इंटरव्यू को रोक देना चाहिए। TRP की परवाह किए बगैर हमने ये फैसला किया।

और हां ये भी हम कर सकते थे कि पैसे देकर इंटरव्यू करते और TRP बटोरते। हमने स्टिंग करके भी नहीं चलाया क्योंकि केस पर असर पड़ने का डर था।

उस लड़के की आंखों में मुझे कभी दर्द नहीं दिखा। उसकी आवाज़ में निर्भया की चीखों की पीड़ा मुझे कभी नहीं दिखी।उसकी जगह कोई होता तो हर बार टूटता। रोता। लेकिन वो तो पैसे ले लेकर इंटरव्यू दे रहा था। पता नहीं उसने निर्भया को बचाने की कोशिश भी कितनी की होगी ? ये सवाल मेरे भीतर आज भी है।


स्टिंग और शो के बाद स्टूडियो से बाहर उसे जलील करते हुए मैं यही सब कहता -सुनाता रहा। फिर उसे ये चेतावनी देकर छोड़ा कि अब अगर तुम पैसे लेकर निर्भया की दास्तान बेचोगे तो तुम्हें एक्सपोज़ करेंगे। वो माफी मांगकर गया कि अब ऐसा नहीं करेगा। उसके बाद कई सालों तक वो दिखा नहीं।

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