गढ़वा। झारखंड के गढ़वा शहर के पिपरा कला में मंगलवार को एक निर्माणाधीन मकान के सेप्टिक टैंक में शटरिंग खोलने के दौरान जहरीली गैस से दम घुटकर तीन मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से बीमार हो गया।

गढ़वा के पुलिस अधीक्षक श्रीकांत एस। ठोकरे ने बताया कि गढ़वा शहर के पिपरा कला में निर्माणाधीन मकान के सेप्टिक टैंक में शटरिंग खोलने उतरे दो मजदूरों का विषैली गैस से दम घुटने लगा। इस दौरान घटनास्थल के पास काम कर रहे दो अन्य मजदूर भी उन्हें बचाने के लिए सेप्टिक टैंक में उतर गए, जिससे बाहर निकाले जाने तक एक मजदूर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि तीन मजदूर गंभीर रूप से बीमार हो गए।
उन्होंने बताया कि तीनों मजदूरों को गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल गढ़वा में भर्ती कराया गया जहां पर दो और मजदूरों की भी कुछ देर बाद ही इलाज के दौरान मौत हो गई। एक मजदूर का इलाज चल रहा है और उनकी हालत खतरे से बाहर है।
उन्होंने बताया कि मृतक मजदूरों में गढ़वा सदर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव का इमामुद्दीन अंसारी तथा उनके पुत्र गुलाब रब्बानी अंसारी एवं अमरेंद्र विश्वकर्मा शामिल हैं, जबकि इसी गांव के चौथे मजदूर कामेश्वर प्रजापति का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
घटना से आक्रोशित लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर सदर अस्पताल के सामने तीनों मजदूरों के शव के साथ एनएच-75 को लगभग एक घंटे तक जाम कर दिया था। बाद में अधिकारियों ने मुआवजे के रूप में मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री आवास, विधवा पेंशन तथा सामाजिक सुरक्षा मद से 20-20 हजार रुपये देने का ऐलान कर लोगों को शांत कराया।

गढ़वा के पुलिस अधीक्षक श्रीकांत एस। ठोकरे ने बताया कि गढ़वा शहर के पिपरा कला में निर्माणाधीन मकान के सेप्टिक टैंक में शटरिंग खोलने उतरे दो मजदूरों का विषैली गैस से दम घुटने लगा। इस दौरान घटनास्थल के पास काम कर रहे दो अन्य मजदूर भी उन्हें बचाने के लिए सेप्टिक टैंक में उतर गए, जिससे बाहर निकाले जाने तक एक मजदूर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि तीन मजदूर गंभीर रूप से बीमार हो गए।
उन्होंने बताया कि तीनों मजदूरों को गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल गढ़वा में भर्ती कराया गया जहां पर दो और मजदूरों की भी कुछ देर बाद ही इलाज के दौरान मौत हो गई। एक मजदूर का इलाज चल रहा है और उनकी हालत खतरे से बाहर है।
उन्होंने बताया कि मृतक मजदूरों में गढ़वा सदर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव का इमामुद्दीन अंसारी तथा उनके पुत्र गुलाब रब्बानी अंसारी एवं अमरेंद्र विश्वकर्मा शामिल हैं, जबकि इसी गांव के चौथे मजदूर कामेश्वर प्रजापति का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
घटना से आक्रोशित लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर सदर अस्पताल के सामने तीनों मजदूरों के शव के साथ एनएच-75 को लगभग एक घंटे तक जाम कर दिया था। बाद में अधिकारियों ने मुआवजे के रूप में मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री आवास, विधवा पेंशन तथा सामाजिक सुरक्षा मद से 20-20 हजार रुपये देने का ऐलान कर लोगों को शांत कराया।