तीन कश्मीर-पलट पत्रकारों से जानिए वह सच जो भक्त-मीडिया छिपा रहा है !

Written by Media Vigil | Published on: September 26, 2016
यह देखना दिलचस्प है कि मोदीप्रिय अंबानी जी के सूचना साम्राज्य का हिस्सा 'ईटीवी उर्दू' वह अकेला चैनल है जिसकी कश्मीर घाटी में थोड़ी साख है। बाक़ी हिंदी और अंग्रेज़ी चैनलों को वहाँ के लोग झूठ की मशीन समझते हैं। इसका प्रमाण यह है कि देश के तीन वरिष्ठ पत्रकारों, अभय कुमार दुबे, संतोष भारतीय और अशोक वानखेड़े ने घाटी का दौरा करने के पहले इस चैनल को इंटरव्यू देकर अपनी मंशा स्पष्ट की। वे यह समझाने में क़ामयाब रहे कि वे सरकार या किसी एजेंसी के नुमाइंदे बतौर नहीं, बल्कि स्वतंत्र ढंग से हालात का जायज़ा लेना चाहते हैं। नतीजा यह हुआ कि इस टीम के लिए वे तमाम दरवाज़े खुल गये जो पिछले दिनों सरकारी प्रतिनिधिमंडल के लिए बंद नज़र आये थे।




तीन पत्रकारो का यह दल 11 से 14 सितंबर के बीच घाटी में रहा और तमाम लोगों से उसने बात की। हक़ीक़त देखकर उनकी आँखें खुल गईं। अभय कुमार दुबे ने लौटकर मीडिया विजिल से साफ़ कहा कि कथित मुख्यधारा मीडिया कश्मीर के बारे में रात-दिन झूठ प्रसारित कर रहा है। उन्होंने बताया कि लौटकर उन्होंने तमाम चैनलों से संपर्क करके सच्चाई बताने की कोशिश की, लेकिन किसी ने रुचि नहीं दिखाई। उन्हें यूपी में समाजवादी पार्टी में जारी उठा-पटक पर चर्चा के लिए तो बुलाया गया लेकिन कश्मीर को लेकर किसी ने भी उनकी या वहाँ गये साथी पत्रकारों की बात प्रचारित-प्रसारित करने में रुचि नहीं दिखाई।

बहरहाल, एक बार फिर ईटीवी उर्दू ने उनसे चर्चा की। लगभग आधे घंटे के इस कार्यक्रम में तमाम ऐसी बातें हैं जो कश्मीर को देश नहीं उपनिवेश मानने वालों को बेचैन कर सकती हैं, लेकिन उपचार की पहली शर्त निदान है। और निदान तभी हो सकता है जब बीमारी की हक़ीक़त को स्वीकार किया जाए। ख़ैर मीडिया विजिल आपके लिए यह बेहद ज़रूरी वीडियो लाया है, देखिये, सुनिये और गुनिये—

 

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