मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार की वादाखिलाफी से गुस्साए अध्यापक संघ ने अब 24 जून को विधानसभा घेराव करने और आमरण अनशन करने का ऐलान किया है।
अध्यापकों के आंदोलन और एकता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इनका शिक्षा विभाग में संविलयन तो कर दिया था और कई सुविधाएं देने का ऐलान किया था, लेकिन आंदोलन शांत होते ही सरकार अपने वादे से मुकर गई जिससे नाराज शिक्षक अब शिवराज सिंह चौहान को सबक सिखाने पर आमादा हो गए हैं।
मध्यप्रदेश कैबिनेट ने इन अध्यापकों का अलग कैडर बनाकर पदनाम देने का फैसला किया है जिससे शिक्षक नाराज हैं। सरकार अब शिक्षक, सहायक शिक्षक, व्याख्याता की जगह प्राथमिक, मिडिल शिक्षक पदनाम के कैडर बनाने जा रही है। सरकार ने पहले शिक्षकों के समान वेतन, पदोन्नति जैसी अन्य सुविधाओं का भी वादा किया था, लेकिन अब ये वादा भी खटाई में पड़ गया है।
अध्यापकों की नाराजगी की एक वजह ये भी है कि नए कैडर के बाद 20 साल से नौकरी करते आ रहे अधिकतर अध्यापकों की वरिष्ठता खत्म हो जाएगी, जिसका असर पदोन्नति तथा अन्य लाभों पर भी पड़ेगा।
नईदुनिया की खबर के मुताबिक, राज्य अध्यापक संघ ने कहा है कि 24 जून को विधानसभा का घेराव किया जाएगा और अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो वो 25 जून से आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
पिछली बार जनवरी में अध्यापकों ने भारी आंदोलन किया था और सरकार के रवैये के विरोध में कई महिला अध्यापकों ने भी अपने बाल मुंडवाए लिए थे। इसके बाद सरकार ने अध्यापकों की मांगें पूरी करने का वादा किया था, लेकिन अब वह फिर से मुकर गई है।
अध्यापक भी इस बार पीछे हटने को तैयार नहीं है। चुनावी साल में वो हर हाल में शिवराज सिंह चौहान से उनके वादे पूरा कराना चाहते हैं।
अध्यापकों के आंदोलन और एकता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इनका शिक्षा विभाग में संविलयन तो कर दिया था और कई सुविधाएं देने का ऐलान किया था, लेकिन आंदोलन शांत होते ही सरकार अपने वादे से मुकर गई जिससे नाराज शिक्षक अब शिवराज सिंह चौहान को सबक सिखाने पर आमादा हो गए हैं।
मध्यप्रदेश कैबिनेट ने इन अध्यापकों का अलग कैडर बनाकर पदनाम देने का फैसला किया है जिससे शिक्षक नाराज हैं। सरकार अब शिक्षक, सहायक शिक्षक, व्याख्याता की जगह प्राथमिक, मिडिल शिक्षक पदनाम के कैडर बनाने जा रही है। सरकार ने पहले शिक्षकों के समान वेतन, पदोन्नति जैसी अन्य सुविधाओं का भी वादा किया था, लेकिन अब ये वादा भी खटाई में पड़ गया है।
अध्यापकों की नाराजगी की एक वजह ये भी है कि नए कैडर के बाद 20 साल से नौकरी करते आ रहे अधिकतर अध्यापकों की वरिष्ठता खत्म हो जाएगी, जिसका असर पदोन्नति तथा अन्य लाभों पर भी पड़ेगा।
नईदुनिया की खबर के मुताबिक, राज्य अध्यापक संघ ने कहा है कि 24 जून को विधानसभा का घेराव किया जाएगा और अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो वो 25 जून से आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
पिछली बार जनवरी में अध्यापकों ने भारी आंदोलन किया था और सरकार के रवैये के विरोध में कई महिला अध्यापकों ने भी अपने बाल मुंडवाए लिए थे। इसके बाद सरकार ने अध्यापकों की मांगें पूरी करने का वादा किया था, लेकिन अब वह फिर से मुकर गई है।
अध्यापक भी इस बार पीछे हटने को तैयार नहीं है। चुनावी साल में वो हर हाल में शिवराज सिंह चौहान से उनके वादे पूरा कराना चाहते हैं।