स्वच्छ भारत के नाम पर क्या जायज है हिंसा? गुंडों ने बुजुर्ग की पिटाई कर उठवाया मल

Published on: December 30, 2016
केंद्र सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी योजना ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को कामयाब बंनाने के लिए विज्ञापनों पर करोड़ों रूपए ख़र्च करते हुए इस अभियान का चेहरा खुद अमिताभ बच्चन को बनाया है।



लेकिन स्वच्छता के नाम गुंडागर्दी का नया उदाहरण सामने आया है जहाँ कुछ लोगों एक बुजुर्ग को बुरी तरह से पीटते हुए गालियां दे रहे है। बुजुर्ग की सिर्फ गलती यह है कि वे खुले में शौच कर रहे थे।

उनका दिल पिटाई से नही भरा तो उन्होंने बुजुर्ग से उसकी धोती में मल तक उठवा लिया। जनता का रिपोर्टर इस घटना की समय और जगह की पुष्टि नहीं कर पाया है लेकिन सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर इस वीडियो की खूब आलोचना हो रही है।
 
भारत में खुले शौच जरूर एक विकराल समस्या है लेकिन यह भी तथ्य है कि ग्रामीण भारत में शौच संबंधी ढांचा चरमराया हुआ है। अंग्रेजी अखबार ‘दि हिन्दू’ की वेबसाइट पर 2 अक्टूबर 2016 को छपे एक लेख के अनुसार,भारत की 51.1 प्रतिशत ग्रामीण आबादी अभी भी खुले में शौच करते है।

भारत का प्रदर्शन अफ्रीका के देशों से काफी खराब है। यहाँ तक कि भारत के कई पडोसी भी इस मानक पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। बांगलादेश की सिर्फ 5 प्रतिशत आबादी ही खुले में शौच करती है। सवाल यह भी है सरकारों की असफलताओं की सज्जा क्यों पाएं।

Courtesy: Janta Ka Reporter

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