तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आज 21वें दिन भी डटे हुए हैं। सरकार और किसान नेताओं के बीच पांच राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निलका है। इस बीच बुधवार को सुप्रीम को में सुनवाई है। किसान बॉर्डर पर ही रुक सकते हैं या उन्हें वहां से कहीं और भेजा जाएगा इसी पर सुप्रीम कोर्ट में आज फैसला होना है।
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस मामले में चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी।
इस याचिका में दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाने की मांग की गई है। लोगों के साथ भीड़ जमा करने से कोविड का खतरा बढ़ेगा। वहीं सड़कें ब्लॉक हैं इसके लिए याचिका में अपील की गई है, इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस बाधित हो रही है।
किसानों को मनाने की तमाम कोशिशें चल रही हैं, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला, खुद पीएम मोदी ने भी गुजरात से एक कार्यक्रम के दौरान किसानों को भरोसा दिलाने की अपील करते हुए कहा- कि कृषि कानून उनके पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि कई सालों से कृषि सुधारों की मांग हो रही थी।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, “दिल्ली के आसपास किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है। उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि अगर कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रैक्ट करता है तो क्या वो आपकी गाय-भैंस ले जाता है? हमारे देश में डेयरी उद्योग का योगदान करीब 8 लाख करोड़ रुपये का है। इस व्यवस्था में पशु पालकों को आजादी मिली है। आज देश पूछ रहा है कि ऐसे ही आजादी छोटे और सीमांत किसानों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए।”
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस मामले में चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी।
इस याचिका में दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाने की मांग की गई है। लोगों के साथ भीड़ जमा करने से कोविड का खतरा बढ़ेगा। वहीं सड़कें ब्लॉक हैं इसके लिए याचिका में अपील की गई है, इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस बाधित हो रही है।
किसानों को मनाने की तमाम कोशिशें चल रही हैं, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला, खुद पीएम मोदी ने भी गुजरात से एक कार्यक्रम के दौरान किसानों को भरोसा दिलाने की अपील करते हुए कहा- कि कृषि कानून उनके पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि कई सालों से कृषि सुधारों की मांग हो रही थी।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, “दिल्ली के आसपास किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है। उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि अगर कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रैक्ट करता है तो क्या वो आपकी गाय-भैंस ले जाता है? हमारे देश में डेयरी उद्योग का योगदान करीब 8 लाख करोड़ रुपये का है। इस व्यवस्था में पशु पालकों को आजादी मिली है। आज देश पूछ रहा है कि ऐसे ही आजादी छोटे और सीमांत किसानों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए।”