सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा, मजदूरों के टिकट, भोजन का भुगतान कौन कर रहा, आपने अभी तक बताया नहीं?

Published on: May 29, 2020
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर गुरुवार को केंद्र से तीन सवाल किए हैं। अदालत ने पूछा कि क्या प्रवासियों ने अपने टिकट के लिए भुगतान किया? ट्रेनों में उनके भोजन का भुगतान किसने किया और कौन सुनिश्चित कर रहा है कि प्रवासी भूखे नहीं हैं? न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल पूछे, आपने अभी भी हमें सूचित नहीं किया है कि उनके टिकट के लिए कौन भुगतान कर रहा है।



मेहता ने उत्तर दिया कि या तो उन्हें भेजने वाले राज्य या जहां वे पहुंच रहे हैं वे राज्य भुगतान कर रहे हैं, क्योंकि अंतर्राज्यीय समझौता हुआ है। पीठ ने इसके बाद कहा, राज्यों के बारे में क्या? प्रवासियों को कैसे प्रतिपूर्ति मिलने वाली है? प्रवासियों को यह नहीं पता होगा कि किस राज्य को भुगतान करना है।

पीठ ने कहा कि हो सकता है कि प्रवासियों को पता नहीं हो कि किस राज्य से प्रतिपूर्ति कैसे मिलेगी और उन्हें उपलब्ध परिवहन के बारे में भी नहीं पता हो। पीठ ने कहा, एक समान नीति बनाने की आवश्यकता है।

अदालत ने माना कि अगर सभी राज्यों के लिए तंत्र अलग-अलग है (कुछ स्थितियों में प्रवासियों को भेजने वाला राज्य भुगतान करेगा, कुछ स्थिति में जहां वे पहुंचे हैं, वे राज्य भुगतान करेंगे), तो यह भ्रम पैदा करने वाली बात होगी। इस पर मेहता ने जवाब दिया, यह सभी राज्यों के बीच तय किया गया है।

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