अन्ना हजारे ने कैंसिल किया मोदी सरकार के खिलाफ अनशन का प्लान, सामना ने पूछा- 'अण्णा किसकी ओर हैं!'

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 30, 2021
नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे किसानों की समस्याओं को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन करने जा रहे थे। हालांकि, शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस उनसे मिले और अन्ना ने अनशन का प्लान कैंसिल कर दिया है। अन्ना के प्लान रद्द करने को लेकर महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिव सेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में निशाना साधा है और उनके द्वारा अपने प्रस्तावित अनशन को रद्द किए जाने पर तंज कसा है। 



सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि अब अन्ना को बताना चाहिए कि वो किसान के साथ हैं या सरकार के साथ हैं? संपादकीय का शीर्षक है- 'अण्णा किसकी ओर हैं!'

संपादकीय में लिखा गया है, "मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते अन्ना दो बार दिल्ली आए और उन्होंने जोरदार आंदोलन किया। इस आंदोलन की मशाल में तेल डालने का काम तो भाजपा कर रही थी लेकिन विगत सात वर्षों में मोदी शासन में नोटबंदी से लॉकडाउन तक कई निर्णयों से जनता बेजार हुई, लेकिन अन्ना ने करवट भी नहीं बदली, ऐसा आरोप भी होता रहा है। मतलब आंदोलन सिर्फ कांग्रेस के शासन में करना है क्या? बाकी अब रामराज अवतरित हो गया है क्या?"

संपादकीय में आगे लिखा है, "अन्ना द्वारा अनशन का अस्त्र बाहर निकालना और बाद में उसे म्यान में डाल देना, ऐसा इससे पहले भी हो चुका है। इसलिए अभी भी हुआ तो इसमें अनपेक्षित जैसा कुछ नहीं था। भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए आश्वासन के कारण अन्ना संतुष्ट हो गए होंगे तो यह उनकी समस्या है। किसानों के मामले में दमन का फिलहाल जो चक्र चल रहा है, कृषि कानूनों के कारण जो दहशत पैदा हुई है बुनियादी सवाल उसे लेकर है। इस संदर्भ में एक निर्णायक भूमिका अन्ना अख्तियार कर रहे हैं और उसी दृष्टिकोण से अनशन कर रहे हैं, ऐसा दृश्य निर्माण हुआ था, परंतु अन्ना ने अनशन पीछे ले लिया। इसलिए कृषि कानून को लेकर उनकी निश्चित तौर पर भूमिका क्या है, फिलहाल तो यह अस्पष्ट ही है।"

 

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