एक भारत-श्रेष्ठ भारत का आखिरी गिरमिटिया भी बिहारी ही होगा...

Written by Shashi Shekhar | Published on: October 10, 2018
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,



एक भारत-श्रेष्ठ भारत का आखिरी गिरमिटिया भी बिहारी ही होगा...

तो कहिए न अपने सीएम को कि ठाकोर को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर के, डंडा चला के, गोली चला के, जैसे भी हो, शांति स्थापित करें. लेकिन, आप खामोश हैं. आपकी खामोशी को क्या समझा जाए? मजबूरी, सहमति या इस घटना को ले कर आपका इग्नोरेंस.

आप तो एक भारत-श्रेष्ठ भारत की बात करते हैं. कैसा भारत बना रहे हैं? पहले मुंबई में एक नेता था, जो बिहारियों को पीटता था. आपके राज में और आपके ही राज्य में एक नेता है जो बिहारियों को पीट रहा है. भाजपा इस पर राजनीति करे, कांग्रेस पर आरोप लगाए, सब ठीक है. लेकिन, आप तो देश के प्रधानमंत्री है. आपको पीएम बनाने में जितना गुजरातियों का योगदान है, उतना ही बिहारियों को भी. फिर बिहारियों के पिटने पर आप खामोश क्यों है? क्यों नहीं सीखा रहे हैं अपने सीएम को कि वे राजधर्म का पालन करें.

या आपको भी इस बात का डर है कि बिहारियों के लिए बोलने से आपके 6 करोड गुजराती भाइयों का आत्मसम्मान कमजोर होगा और वे आपके खिलाफ हो जाएंगे. क्या अल्पेश ठाकोर एक अकेला नेता आपसे भी ज्यादा मजबूत है? या आपको गुजरात के एक मतदाता समाज का डर है? हो सकता है, ऐसा ही हो. लेकिन, आप तो वैश्विक नेता हैं. आपको तो इतनी छोटे से डर से नहीं डरना चाहिए.

पिछले 4-5 दिनों से गुजरात के कई जिलों में नफरत और भय का माहौल पैदा किया जा रहा है, ट्रेन में घुस कर घर लौटते बिहारियों के साथ गुजरात के लोग मारपीट कर रहे है, वह दृश्य किसी स्टेट में हो रहे गृह युद्ध से कम नहीं है. राज्य सरकार 24 घंटे के अन्दर इस तरह के माहौल को शांतिपूर्ण नहीं बना सकी, तो ये मान लिया जाना चाहिए कि राज्य सरकार अक्षम है या इस घटना को इग्नोर कर रही है.

ऐसी स्थिति में ही तो आपकी भूमिका महत्वपूर्ण थी. उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस, जरूरत हो तो सेना का इस्तेमाल करते. बिहारियों को सुरक्षा का भरोसा दिलवाते. फिर भी बात न बनती तो राष्ट्रपति शासन लगवाते. लेकिन, आपने ऐसा कुछ नहीं किया. प्रधानमंत्री जी, आप जिस गुजरात विकास के मॉडल के दम पर पीएम बने हैं, उसमें बिहारियों का भी तो योगदान रहा है. इतना तो आप भी मानते-जानते होंगे.

तो क्या हम इसी तरह के न्यू इंडिया की ओर आगे बढ रहे है, जहां एक राज्य के लोग दूसरे राज्य के लोगों को अपने यहां आने नहीं देंगे? काम नहीं करने देंगे? इस आधार पर कि वे स्थानीय लोगों की नौकरी खा जाते है? क्या बिहारी अपने ही देश में रोहिंग्या बन जाएंगे? फिर तो कल हर राज्य के लोग यही काम करेंगे. तो क्या एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए परमिट की जरूरत होगी?

ये ठीक बात है कि बिहारी आर्थिक तौर पर कमजोर है. इसलिए वे बाहर जाते है. आपने तो वादा किया था कि सवा लाख करोड दूंगा. बिहार में भी आपकी सरकार है पिछले 15 सालों से. कुछ ऐसा काम करवा देते पिछले साढे चार साल में कि बिहारियों को गुजरात न जाना पडता. लेकिन, आपने तो ये काम भी नहीं किया. चुनाव में हारे क्या, बिहारियों का दुख-दर्द भी भूल गए.

प्रधानमंत्री जी, आपने सही ही कहा था, बिहारियों के डीएनमें कुछ गडबड है. गडबड न होता तो जब देश गुलाम था तब भी बिहारी सूरीनाम, फिजी, मॉरीशस जा कर, गिरमिटिया मजदूर बन कर वहां की धरती से सोना उपजाने के लिए मेहनत-मजदूरी करता था. आजादी के बाद भी बिहारी देश को आगे ले जाने के लिए अपना खून पसीना बहाता रहा. अपना घर-बार, मां-बाप-बीबी-बच्चे को हजारों किलोमीटर दूर छोड कर पंजाब में हरित क्रांति ला रहा था तो गुजरात और महाराष्ट्र में औधोगिक क्रांति में अपना जीवन खपा रहा था. आज वही बिहारी आपके गुजरात के लिए बोझ बन गया है.

एक बिहारी के अपराध की सजा अगर पूरे बिहारी को देना जायज है और देश के संरक्षक होने के नाते अगर आप खामोश रहते हैं तो फिर क्यों नहीं नीरव मोदी, मेहुल चौकसे, नीतीन सन्देशरा जैसे गुजराती बैंक लुटेरों के अपराध के लिए सभी गुजरातियों को अपराधी मान लिया जाए. लेकिन नहीं, ऐसा करना बिहारियों के डीएनए में नहीं हैं.

बिहारी वो फिनिक्स चिडिया है जो अपनी ही राख से दुबारा पैदा लेता है, जिन्दा हो जाता है. बिहारी फिर गुजरात जाएगा. फिर कमाएगा. आज अगर आपने समय रहते स्थिति को काबू में ला दिया, बिहारियों का भरोसा जीत लिया तो ठीक, वर्ना माना जाएगा के 56 इंच के सीने में एक बहुत छोटा दिल है, जो सिर्फ और सिर्फ गुजरात से जुडा है.

धन्यवाद.

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