अब दिल्ली में होगा उन्नाव रेप पीड़िता का इलाज, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

Written by sabrang india | Published on: August 5, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता को इलाज के लिए नई दिल्ली भेजने का आदेश दिया है। पीड़िता के साथ अस्पताल में भर्ती उनके वकील का इलाज भी अब दिल्ली में कराने का आदेश कोर्ट ने सोमवार को दिया। दोनों फिलहाल लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। वहीं, लखनऊ में डॉक्टरों ने जानकारी दी है कि दोनों की हालत गंभीर लेकिन स्थिर है। 

गौरतलब है कि जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सोमवार को न्यायमित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता वी. गिरि और दूसरे वकीलों से दोनों पीड़ितों को लखनऊ के अस्पताल से एम्स, दिल्ली लाने के संबंध में पूछा था। यह बताए जाने पर कि परिवार के किसी सदस्य ने इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है, पीठ ने मामले की सुनवाई शुक्रवार को करने की बात कही थी। हालांकि, कोर्ट ने सोमवार को ही यह फैसला दे दिया कि दोनों का इलाज दिल्ली में ही कराया जाए। 

उधर, सोमवार को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज ने पीड़िता और उनके वकील की सेहत की जानकारी दी। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया, 'पीड़िता की हालत में सुधार हो रहा है। अब वह हमें देख और सुन पा रही है और हमारी बातों को समझ पा रही है। अभी उसे मामूली बुखार है और उसको वेंटिलेटर से हटाने के बारे में विचार किया जा रहा है। डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उसकी निगरानी कर रही है। अगर आने वाले एक दो-दिन तक उसकी तबीयत में ऐसे ही सुधार होता रहा तो उसे वेंटिलेटर से हटाने की बात पर विचार किया जाएगा।’ 

उन्होंने कहा, ‘घायल वकील महेंद्र सिंह को वेंटीलेटर से हटा दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद वह खतरे से बाहर नही हैं क्योंकि उनके सिर में चोट लगी है और वह लगातार कोमा में चल रहे हैं। उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। उनके और पीड़िता दोनों के गले में छोटा सा छेद करके (ट्रैकियोस्टोमी) ट्यूब द्वारा ऑक्सिजन दिया जा रहा है।’ 

इससे पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बेहद सख्त रुख अपनाते हुए इस केस से जुड़े सभी पांच मामलों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही केस की रोजाना सुनवाई करते हुए 45 दिन की डेडलाइन भी तय कर दी है। सड़क हादसे की छानबीन भी एक हफ्ते के अंदर पूरी करने का आदेश दिया। इसके साथ ही पीड़िता और गवाहों को सुरक्षा देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि तत्काल प्रभाव से CRPF पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराएगी। 

गौरतलब है कि रेप कांड के मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप है कि उसने रेप पीड़िता के पिता को अपने गुंडों से पिटवाया और फिर अवैध हथियार रखने के मामले में जेल भिजवा दिया। उनकी जेल में ही मौत हो गई। बाद में सीबीआई की जांच में पता चला था कि पुलिस वालों ने ही पीड़िता के पिता को अवैध हथियार रखने के झूठे मुकदमे में फंसाया था। पीड़िता के चाचा को भी रेप कांड के मुख्य आरोपी और तत्कालीन बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई की पिटाई के करीब दो दशक पहले के केस में जेल में बंद कर दिया गया। उन्हें 28 जुलाई के सड़क हादसे में जान गंवाने वाली अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए परोल पर रिहा किया गया। बाद में कड़ी सुरक्षा के बीच पीड़िता के चाचा को फिर जेल में भेज दिया गया। 

 

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