ईमानदार करदाताओं के लिए पारदर्शी योजना तो ठीक है लेकिन उन्हें पुरस्कृत करने की क्या जरूरत? कायदे से तो चोरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जब सिस्टम पारदर्शी नहीं था तो मोदी जी को पता था कि स्विस बैंक में भारतीयों के कितने पैसे हैं उसे भारत लाने की बात थी लेकिन विवाद से विश्वास और आम माफी जैसी योजनाएं चलीं। लोगों को धमका कर खुलासे करवाए गए और फिर नोटबंदी करके परेशान किया गया। उसका घोषित लाभ नहीं मिला पर विदेश में रखा कालाधन मुद्दा ही नहीं रहा।
अभी भी टैक्स चोरों को सजा देने के मामले कम सुनाई देते हैं। पर ईमानदारों को उपकृत किया जा रहा है ताकि वे शोर न मचाएं। दूसरी ओर, विदेश से धन पाने वालों को कसना मुश्किल था पर जरूरी ताकि वे सरकार का विरोध नहीं करें इसलिए विदेश से धन लेना ही मुश्किल कर दिया गया है। एनजीओ बंद करा दिए गए हैं। और रोजगार के मौके कम होने या कोरोना का इसपर कोई असर नहीं हुआ है।
कहने की जरूरत नहीं है कि ईमानदार कर दाता वही है जो सिर्फ नौकरी से कमाता है और अपनी कमाई छिपा नहीं सकता है और उसे जो छूट मिलनी है वह भी तय है। कारोबारियों और पेशेवरों के मामले में नियमों की व्याख्या का मामला होता है और उसी पर विवाद होता है।
ज्यादातर मामले ले-देकर सेट हो जाते हैं नहीं तो फाइल चोरी हो जाती है या फिर अफसर का तबादला हो जाता है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसी कितनी ही खबरें छपी हैं। घोटालों की जांच की कोई सूचना नहीं है। इन सबके बावजूद इस खबर और सूचना का कोई मतलब हो तो बताइए।
अभी भी टैक्स चोरों को सजा देने के मामले कम सुनाई देते हैं। पर ईमानदारों को उपकृत किया जा रहा है ताकि वे शोर न मचाएं। दूसरी ओर, विदेश से धन पाने वालों को कसना मुश्किल था पर जरूरी ताकि वे सरकार का विरोध नहीं करें इसलिए विदेश से धन लेना ही मुश्किल कर दिया गया है। एनजीओ बंद करा दिए गए हैं। और रोजगार के मौके कम होने या कोरोना का इसपर कोई असर नहीं हुआ है।
कहने की जरूरत नहीं है कि ईमानदार कर दाता वही है जो सिर्फ नौकरी से कमाता है और अपनी कमाई छिपा नहीं सकता है और उसे जो छूट मिलनी है वह भी तय है। कारोबारियों और पेशेवरों के मामले में नियमों की व्याख्या का मामला होता है और उसी पर विवाद होता है।
ज्यादातर मामले ले-देकर सेट हो जाते हैं नहीं तो फाइल चोरी हो जाती है या फिर अफसर का तबादला हो जाता है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसी कितनी ही खबरें छपी हैं। घोटालों की जांच की कोई सूचना नहीं है। इन सबके बावजूद इस खबर और सूचना का कोई मतलब हो तो बताइए।