'कारवां' के तीन पत्रकारों पर हमला, दिल्ली दंगे से जुड़े मामले की कर रहे थे रिपोर्ट

Written by sabrang india | Published on: August 12, 2020
नई दिल्ली। मंगलवार 11 अगस्त की दोपहर में दिल्ली के उत्तरी घोंडा के सुभाष मोहल्ला में एक भीड़ ने कारवां के तीन पत्रकारों पर हमला किया। कारवां के पत्रकार दिल्ली हिंसा की एक शिकायतकर्ता से संबंधित रिपोर्ट करने वहां गए थे। तकरीबन 2 घंटे तक शाहिद तांत्रे, प्रभजीत सिंह और कारवां की एक महिला पत्रकार पर हमला होता रहा। उन्हें सांप्रदायिक गालियां दीं, हत्या कर देने की धमकी दी और उनके साथ हिंसा की। 



जब ये पत्रकार इलाके में लगे भगवा झंडों की तस्वीरें ले रहे थे, तब कुछ लोग उनके पास जमा होकर तस्वीर लेने से रोकने लगे। वहां मौजूद एक आदमी, जो भगवा कुर्ता पहने था, खुद को बीजेपी का महासचिव बता रहा था। उस आदमी ने तांत्रे से परिचय पत्र मांगा और जैसे ही उन्हें यह पता चला कि तांत्रे मुसलमान हैं, उन लोगों ने हमला कर दिया। महिला पत्रकार जब वहां से भागने लगीं तो एक अधेड़ उम्र का आदमी उनके सामने पेंट उतार कर नंगा हो गया। भीड़ ने उस महिला पत्रकार पर भी हमला कर दिया। महिला पत्रकार की सुरक्षा के मद्देनजर कारवां उनकी पहचान जाहिर नहीं कर रहा है।

कारवां ने अपनी रिपोर्ट के जरिए बताया कि हमला दोपहर 2 बजे के आसपास हुआ था। स्थानीय आदमी और महिलाओं की भीड़ ने पत्रकारों को घेर लिया और जब तांत्रे की मुस्लिम पहचान का पता चला तो हमला कर दिया। हमले से बचने के लिए महिला पत्रकार गली के एक गेट में घुस गई लेकिन भीड़ ने को बंद कर लिया और दोनों पत्रकार अंदर कैद हो गए। महिला पत्रकार ने हमला करने वालों से मिन्नतें की कि उनके साथियों को जाने दें लेकिन एक आदमी ने, जिसके बाल जवानों जैसे थे और हाथों में राखियां बंधी हुई थीं, उसने महिला के कपड़े पकड़कर गेट के अंदर खींचने की कोशिश की। महिला पत्रकार वहां से निकल कर पड़ोस की एक गली में भागीं लेकिन जब वह एक जगह रुक कर सांस लेने लगीं तो लड़कों ने उन्हें घेर लिया और महिला पत्रकार की तस्वीरें खींचने लगे और वीडियो बनाने लगे और उन पर भद्दी टिप्पणियां करने लगे और कहने लगे, “दिखाओ, दिखाओ।” महिला पत्रकार ने अपनी आपबीती पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में बताई है, जो उन्होंने घटना के तुरंत बाद दर्ज कराई थी।

महिला पत्रकार ने अपनी शिकायत में लिखा है, “जैसे ही मैं वहां से निकलने लगी, एक अधेड़ उम्र का आदमी, जिसने धोती और टीशर्ट पहन रखी थी और उसके गंजे सिर पर एक चोटी थी, वह मेरे सामने आकर खड़ा हो गया। उस आदमी ने अपनी धोती खोली और अपने गुप्तांग दिखाने लगा। वह आपत्तिजनक और अश्लील इशारे करने लगा और मुझ पर हंसने लगा।” 

उस आदमी से बचकर भागते समय महिला पत्रकार को तांत्रे का फोन आया और तांत्रे ने उनसे भजनपुरा पुलिस स्टेशन पहुंचने को कहा। उस वक्त तक पुलिस तांत्रे और सिंह को पुलिस स्टेशन ले जा चुकी थी। जब वह महिला पत्रकार लोगों से पुलिस स्टेशन का रास्ता पूछ रही थीं तब भीड़ ने उन्हें फिर घेर लिया और पिटाई करने लगी।

पत्रकार प्रभजीत सिंह ने बताया है कि भगवा कुर्ता वाले आदमी के परिचय पत्र मांगने से पहले ही वहां गली में 20 के आसपास लोग मौजूद थे। उन्होंने बताया है कि भीड़ को उन्होंने बता दिया था कि तीनों पत्रकार हैं और कुछ भी गैरकानूनी काम नहीं कर रहे हैं। सिंह ने भीड़ से कहा, “हम लोग गली की फोटो ले रहे हैं। घर के अंदर की फोटो नहीं ले रहे हैं। कोई भी पत्रकार इतने सारे झंडे देखने पर फोटो लेगा ही।” लेकिन भीड़ ने उनकी बात नहीं सुनी। भगवा कुर्ता वाला आदमी बोला, “तुम्हारी तरह फटीचर पत्रकार बहुत देखे हैं। मैं बीजेपी का जनरल सेक्रेटरी हूं। हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते तुम।”

तांत्रे ने बताया कि जब आदमी ने प्रेस कार्ड में उनका नाम देखा तो वह चिल्लाया, तू तो कटुआ मुल्ला है।” इसके बाद वह आदमी तुरंत स्थानीय लोगों को बुलाने लगा और मिनटों में वहां 50 के आसपास लोग जमा हो गए। सिंह ने बताया कि “भीड़ बहुत आक्रमक हो गई थी और शाहिद का आईडी देखने के बाद उसकी संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा।”

साभार : द कारवां
 

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