असम में कथित हिंदुत्ववादी गुंडों ने मुस्लिम मजदूरों को पीटा, जय श्री राम के नारे लगवाए

Written by sabrang india | Published on: June 24, 2019
गुवाहाटी: सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों ने संसद में जय श्री राम का उद्घोष कर एक तरह से उन लोगों को शह दे दी जो भाजपा के इसी राजनीतिक नारे के सहारे हिंसा करने पर उतारू रहते हैं। असम के बरपेटा में एक दक्षिणपंथी संगठन के खिलाफ गुरुवार को मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट करने और जबरन ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाने के आरोप में शिकयत दर्ज कराई गई है। ये मामला मंगलवार का है जिसमे अल्पसंख्यक युवकों को ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे भी लगवाए गए।

ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (AAMSU) और नॉर्थ-ईस्ट माइनॉरिटीज स्टूडेंट्स यूनियन (NEMSU) ने दक्षिणपंथी संगठन और उसके संस्थापक के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कराई हैं। पुलिस ने बताया कि मंगलवार की रात की ये घटना उस समय सामने आई जब मारपीट और जबरन नारे लगवाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

शिकायत में कहा गया है कि दक्षिणपंथी समूह के सदस्य होने का दावा करने वाले लोगों के एक समूह ने बरपेटा शहर में एक ऑटोरिक्शा को रोका और उसमें यात्रा करने वाले लोगों को पीटा। इसके बाद पीड़ितों को ‘जय श्री राम’, ‘भारत माता की जय’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया। पीड़ितों को गाली देते हुए हमलावरों ने खुद वीडियो शूट किया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया। बरपेटा के कांग्रेस सांसद अब्दुल खालेक ने कहा कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक से घटना पर कार्रवाई करने को कहा है। 

बता दें कि बीजेपी के पहले कार्यकाल में मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने जोर पकड़ा था। अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिमों को गौतस्करी और बीफ के नाम पर निशाना बनाया जाता रहा है। अब बीजेपी एक बार फिर से सत्ता में है। सड़क से लेकर संसद तक जय श्री राम का नारा लगाया जा रहा है। इस नारे के पीछे किसी को तंग करने की मंशा साफ नजर आती है। संसद में बीजेपी सांसद खुद दूसरे सांसदों को इस नारे के जरिए चिढ़ाने की कोशिश करते नजर आए। ऐसे कई मामले हो चुके हैं जहां भीड़ जय श्री राम बुलवाने के लिए या नारा लगाकर किसी व्यक्ति पर हमला करती है। 



पुलिस ने इस मामले में योगी देवोजीत डेका को गिरफ्तार किया है। देवोजीत खुद को श्री राम सेना का स्वयंभू सुप्रीमो बताता है। जबकि योगी देवजीत डेका ने आरोप लगाया कि मुस्लिम युवकों का समूह पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए बारपेटा शहर से गुजर रहा था, जो वायरल विडियो उसने पहले प्रकाशित किया था, उसमें मुस्लिम मजदूरों के समूह द्वारा पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का कोई सबूत नहीं दिखता है। उसी समय, मुस्लिम मजदूरों के समूह, जिन्होंने योगी देवजीत डेका को बांग्लादेशी होने का झूठा आरोप लगाया, वे बांग्लादेशी नहीं बल्कि असम के स्वदेशी मुस्लिम हैं, जो अत्यधिक गरीबी के अधीन रहने वाले बारपेटा जिले के नदी क्षेत्रों के निवासी हैं। योगी देवजीत डेका, (राम सेना के स्वयंभू सुप्रीमो) द्वारा सार्वजनिक किए गए वीडियो के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि एक चार पहिया वाहन सड़क से गुजर रहा था और उन्हें समूह द्वारा जबरन रोका गया, जिन्होंने फिर बिना किसी उचित कारण के उन्हें फटकारना शुरू कर दिया। 

मजदूरों ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने से इनकार किया है। इन कथित हिंदुत्ववादी गुंडों ने मजदूरों के बैगों की भी तलाशी ली। जब उन्हें अपने थैलों में कुछ नहीं मिला, तो बदमाशों के समूह ने उन्हें 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए कहा। शुरू में, मजदूरों के समूह ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और इस कारण से उन्होंने एक बार फिर उन्हें पीटना शुरू कर दिया। जान का खतरा देख आखिर मजदूरों ने नारे लगा दिए। 

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