प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही दावा कर चुके हों कि वे देश के हर गांव में बिजली पहुंचा चुके हैं, लेकिन हकीकत ये है कि राजस्थान के कई गांवों में अब तक बिजली नहीं है।
आंतेला. देश को आजाद हुए करीब 70 साल बीत चुके हैं। सरकार की ओर से गांव-ढाणियों में बिजली पहुंचाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन विद्युत कनेक्शन के लिए मांग पत्र की राशि जमा कराने के कई महीने बाद भी बिजली कनेक्शन जारी नहीं एिक जा रहे। इससे आज भी कई गांव-ढाणियों में अंधेरा छाया हुआ है। बच्चों को चिमनी की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ रही है। उपसरपंच जितेन्द्र शर्मा व महेश सैनी ने बताया कि कस्बे में पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत बिजली कनेक्शन के लिए कई ग्रामीणों ने आवेदन किया था। निगम की ओर से जारी किए गए मांग पत्र की राशि भी जमा करा दी, लेकिन निगम कार्मिकों की मनमनी के चलते अभी तक कनेक्शन जारी नहीं किए गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में डिस्कॉम की अनदेखी कई ढाणियों के वाशिदों पर भारी पड़ रही है। आजादी के 70 साल बाद भी बिजली कनेक्शन के अभाव में बच्चों को चिमनी की रोशनी में पढाई करने पर विवश होना पड़ रहा है। परीक्षा के समय तो ऐसे परिवार के बच्चों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। कस्बे के भैरूजी की नीमड़ी निवासी रामकरण सैनी ने बताया कि घर में बिजली सुविधा नहीं होने के बावजूद उसकी एक बेटी पूजा सैनी तो बीए द्वितीय वर्ष की पढाई कर रही है। वहीं बेटा मोहन बीए द्वितीय वर्ष में पढ रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि बीए में पढने वाली छात्रा पूजा सैनी दिन में घर के कार्यो में हाथ बटाने के बाद रात को चिमनी की रोशनी में पढाई करती है। इसके अलावा मोबाइल भी पडौस में करवाना पड़ता है। इससे बिजली के अभाव में परिवार का जनजीवन प्रभावित रहता है
सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में बिजली कनेक्शन के लिए पंडित दीनदयाल योजना चलाई थी, लेकिन ठेकेदार व निगम कर्मी की मनमानी से कुछ एक घरों को छोड़कर डिमंाड राशि जमा कराने के कई माह बाद भी कनेक्शन नहीं किए गए हैं। जबकि डिमांड राशि जमा होने पर निश्चित समय अवधि में कनेक्शन जारी करने का प्रावधान है। ग्रामीणों में निगम के खिलाफ रोष है। केस : 1 आंतेला निवासी रामकरण सैनी, हंसराज सैनी व सुल्तान ने पं.दीनदयाल योजना तहत बिजली कनेक्शन के लिए 14 मार्च 2018 को डिमांड राशि 3700-3700 रुपए जमा करा दिए, लेकिन अभी तक कनेक्शन नहीं हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि कनेक्शन के लिए एईएन से लेकर जयपुर डिस्कॉम अधीक्षण अभियंता तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अधिकारी एस्टीमेट दोबारा कराने की बात कहकर टरका देते हैं।
कस्बा निवासी बीना देवी पत्नी नानग राम, निजाम खां, ललित कुमार ने 29 जनवरी 2018 को आवेदन किया था। इसके बाद 26 फरवरी 2018 को विराटनगर स्थित सहायक अभियता कार्यालय में डिमांड राशि बतौर 3700-3700 रुपए भी जमा करा दिए, लेकिन 8 माह गुजरने के बाद भी अभी तक कनेक्शन नहीं किया गया है। विराटनगर एईएन व जेईएन कार्यालय में कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन जल्द कनेक्शन का आश्वासन देकर इतिश्री कर लेते है। केस : 3 ग्राम गांधीनगर निवासी कमलेश, रामवतार व मोहनलाल सैनी ने बिजली कनेक्शनों के लिए आवेदन किए थे। बाद में 6 अक्टूबर 2017 को डिमांड राशि बतौर 3700-3700 रुपए भी जमा करा दिए, लेकिन एक साल से अधिक समय गुजरने के बाद भी तीनों परिवार बिजली कनेक्शन से वंचित हैं। लाइनमैन, ठेकेदार सहित विराटनगर सहायक अभियंता को अवगत करा दिया, लेकिन घर में बल्ब की रोशनी का इंतजार है।
पं. दीनदयाल उपाध्याय योजना में करीब 800 कनेक्शनों के आवेदन मिले थे। इनमें से 250 कनेक्शन करने शेष हैं। दीपावली से पहले कनेक्शन जारी कर उपभोक्ताओं को राहत दिलवाई जाएगी।
आंतेला. देश को आजाद हुए करीब 70 साल बीत चुके हैं। सरकार की ओर से गांव-ढाणियों में बिजली पहुंचाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन विद्युत कनेक्शन के लिए मांग पत्र की राशि जमा कराने के कई महीने बाद भी बिजली कनेक्शन जारी नहीं एिक जा रहे। इससे आज भी कई गांव-ढाणियों में अंधेरा छाया हुआ है। बच्चों को चिमनी की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ रही है। उपसरपंच जितेन्द्र शर्मा व महेश सैनी ने बताया कि कस्बे में पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत बिजली कनेक्शन के लिए कई ग्रामीणों ने आवेदन किया था। निगम की ओर से जारी किए गए मांग पत्र की राशि भी जमा करा दी, लेकिन निगम कार्मिकों की मनमनी के चलते अभी तक कनेक्शन जारी नहीं किए गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में डिस्कॉम की अनदेखी कई ढाणियों के वाशिदों पर भारी पड़ रही है। आजादी के 70 साल बाद भी बिजली कनेक्शन के अभाव में बच्चों को चिमनी की रोशनी में पढाई करने पर विवश होना पड़ रहा है। परीक्षा के समय तो ऐसे परिवार के बच्चों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। कस्बे के भैरूजी की नीमड़ी निवासी रामकरण सैनी ने बताया कि घर में बिजली सुविधा नहीं होने के बावजूद उसकी एक बेटी पूजा सैनी तो बीए द्वितीय वर्ष की पढाई कर रही है। वहीं बेटा मोहन बीए द्वितीय वर्ष में पढ रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि बीए में पढने वाली छात्रा पूजा सैनी दिन में घर के कार्यो में हाथ बटाने के बाद रात को चिमनी की रोशनी में पढाई करती है। इसके अलावा मोबाइल भी पडौस में करवाना पड़ता है। इससे बिजली के अभाव में परिवार का जनजीवन प्रभावित रहता है
सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में बिजली कनेक्शन के लिए पंडित दीनदयाल योजना चलाई थी, लेकिन ठेकेदार व निगम कर्मी की मनमानी से कुछ एक घरों को छोड़कर डिमंाड राशि जमा कराने के कई माह बाद भी कनेक्शन नहीं किए गए हैं। जबकि डिमांड राशि जमा होने पर निश्चित समय अवधि में कनेक्शन जारी करने का प्रावधान है। ग्रामीणों में निगम के खिलाफ रोष है। केस : 1 आंतेला निवासी रामकरण सैनी, हंसराज सैनी व सुल्तान ने पं.दीनदयाल योजना तहत बिजली कनेक्शन के लिए 14 मार्च 2018 को डिमांड राशि 3700-3700 रुपए जमा करा दिए, लेकिन अभी तक कनेक्शन नहीं हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि कनेक्शन के लिए एईएन से लेकर जयपुर डिस्कॉम अधीक्षण अभियंता तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अधिकारी एस्टीमेट दोबारा कराने की बात कहकर टरका देते हैं।
कस्बा निवासी बीना देवी पत्नी नानग राम, निजाम खां, ललित कुमार ने 29 जनवरी 2018 को आवेदन किया था। इसके बाद 26 फरवरी 2018 को विराटनगर स्थित सहायक अभियता कार्यालय में डिमांड राशि बतौर 3700-3700 रुपए भी जमा करा दिए, लेकिन 8 माह गुजरने के बाद भी अभी तक कनेक्शन नहीं किया गया है। विराटनगर एईएन व जेईएन कार्यालय में कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन जल्द कनेक्शन का आश्वासन देकर इतिश्री कर लेते है। केस : 3 ग्राम गांधीनगर निवासी कमलेश, रामवतार व मोहनलाल सैनी ने बिजली कनेक्शनों के लिए आवेदन किए थे। बाद में 6 अक्टूबर 2017 को डिमांड राशि बतौर 3700-3700 रुपए भी जमा करा दिए, लेकिन एक साल से अधिक समय गुजरने के बाद भी तीनों परिवार बिजली कनेक्शन से वंचित हैं। लाइनमैन, ठेकेदार सहित विराटनगर सहायक अभियंता को अवगत करा दिया, लेकिन घर में बल्ब की रोशनी का इंतजार है।
पं. दीनदयाल उपाध्याय योजना में करीब 800 कनेक्शनों के आवेदन मिले थे। इनमें से 250 कनेक्शन करने शेष हैं। दीपावली से पहले कनेक्शन जारी कर उपभोक्ताओं को राहत दिलवाई जाएगी।