राजस्थान में स्थायी सफाईकर्मियों की जगह 3 हजार रुपए महीने पर दूसरे सफाईकर्मियों से काम कराने का मामला सामने आया है।
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वैसे तो ये सिलसिला पूरे प्रदेश में जारी है, लेकिन सब लोग इसकी अनदेखी करते रहते हैं। नियमित सफाईकर्मी शासन से अच्छा-खासा वेतन लेते हैं, लेकिन सफाई के लिए किसी दूसरे को भेज देते हैं और उसे मामूली रकम दे देते हैं।
पत्रिका के अनुसार उदयपुर में जिले जब महापौर चंद्रसिंह कोठारी ने स्वास्थ्य अधिकारी साथ सफाई व्यवस्था का आकस्मिक निरीक्षण किया तो उन्हें नियमित सफाईकर्मी की जगह कोई दूसरी महिला काम करती मिली। पूछताछ में उसने बताया कि वह स्थायी महिला सफाईकर्मी से 3 हजार रुपए महीना
लेकर उसकी जगह सफाई का काम करती है।
एसीबी टीम ने सोमवार को घंटाघर क्षेत्र में महिला सफाईकर्मी शबनम से मासिक वेतन के 5500 रुपए की रिश्वत लेते हुए टीम ने जमादार मकबूल और दलाल मुश्ताक को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि यह बंधी सफाईकर्मी से हाजिरी में छूट के बदले ली जा रही थी। वह सफाई के लिए वार्ड में नहीं जाती थी, लेकिन उसकी हाजिरी जमादार भर देता था। जो सफाईकर्मी उन्हें हर महीने रकम नहीं देता था, उसकी हाजिरी में वो कटौती कर देता था।
महौपौर के साथ गई टीम को आशापाल की गली में रानी नाम की एवजी सफाईकर्मी मिली जिसने बताया कि सुबह के समय वह रईसा नाम की महिला सफाईकर्मी के बदले काम करने के लिए वार्ड में आती है। करीब तीन से चार घंटे काम के बदले रईसा उसे तीन हजार रुपए माहवार दे रही है।