खौफनाक: 2 गर्भवती सहित 3 बहनों ने 2 बच्चों के साथ आत्महत्या की, कुएं में मिले शव

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 28, 2022
राजस्थान में सामुहिक सुसाइड, बच्चों में एक 4 साल का लड़का और दूसरा 27 दिन का शिशु था। दो महिलाएं गर्भवती थीं।


 
आत्महत्या के एक दुखद मामले ने राजस्थान को झकझोर दिया है। तीन सगी बहनों ने अपने दो बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली। इनमें से दो महिलाएं गर्भवती थीं। तीनों बहनों की शादी एक ही परिवार में हुई थी। इनके दो बच्चे थे जिनमें एक 4 साल का लड़का और दूसरा 27 दिन का शिशु था। इससे भी खौफनाक बात है कि मौत के समय दो महिलाएं गर्भवती थीं।
 
जयपुर जिले के दूदू जिले के छपिया गांव में कालू मीणा (25 वर्षीय), ममता (23) और कमलेश (20) की शादी एक ही परिवार के तीन भाइयों से हुई थी। तीनों बहने अपने बच्चों को लेकर 25 मई से गायब थे। इनके मायके पक्ष के परिजनों का आरोप है कि ससुराल वाले उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे और मारपीट करते थे।
 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके चचेरे भाई हेमराज मीणा ने कहा, "मेरी बहनों को दहेज के लिए नियमित रूप से पीटा और प्रताड़ित किया जाता था। जब वे 25 मई को लापता हो गईं, तो हम उन्हें खोजने के लिए दर-दर भटकते रहे। हमने स्थानीय पुलिस स्टेशन में, महिला हेल्पलाइन के साथ, और राष्ट्रीय महिला आयोग के पास भी प्राथमिकी दर्ज कराई। लेकिन बहुत कम मदद मिली।" 
 
हालांकि महिलाओं ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है, लेकिन उनके परिवार के सदस्यों ने सबसे छोटी बहन कमलेश का व्हाट्सएप स्टेटस शेयर किया है जिसमें उसने लिखा है, "हम अभी जा रहे हैं, खुश रहो, हमारी मौत का कारण हमारे ससुराल वाले हैं, हर दिन मरने से एक बार और सभी के लिए मरना बेहतर है। इसलिए, हमने एक साथ मरने का फैसला किया है। हमें उम्मीद है, हम तीनों अगले जन्म में साथ रहेंगे। हम मरना नहीं चाहते हैं लेकिन हमारे ससुराल वाले हमें परेशान करते हैं हमारी मौत के लिए हमारे माता-पिता को दोष न दें"।


 
महिलाओं के लापता होने के चार दिन बाद पुलिस ने आज सुबह दूदू गांव के एक कुएं से तीनों महिलाओं और दो बच्चों के शव बरामद किए।
  
राजस्थान में महिला एक्टिविस्ट्स ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा है कि राजस्थान को ऐसे मामले पर शर्म से सिर झुकाना चाहिए जहां महिलाओं की जान कोई मायने नहीं रखती। उन्होंने महिलाओं के शव बरामद करने में चार दिन का समय लेने वाली पुलिस के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।

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