पंजाब में कृषि विधेयकों का विरोध तेज: जहर खाने से किसान की मौत

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 19, 2020
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित किए जा रहे कृषि विधेयकों के खिलाफ शुक्रवार को पंजाब में किसान संगठनों ने विरोध और तेज कर दिया है। शुक्रवार को बठिंडा, पटियाला, मोगा, होशियारपुर, फिरोजपुर, अमृतसर, तरनतारन जिलों में प्रदर्शन किया गया। मुक्तसर के गांव बादल में पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के निवास के बाहर चल रहे प्रदर्शन के दौरान एक किसान प्रीतम सिंह की जहर निगल लेने से मौत हो गई।



प्रदेश सरकार ने कृषि विधेयकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। दूसरी ओर किसान संगठनों ने 24 सितंबर को रेल रोको आंदोलन और 25 सितंबर को पंजाब बंद का एलान भी कर दिया है। इस बाबत भारतीय किसान यूनियन (कादियां) के प्रधान हरमीत सिंह कादियां ने बताया, आंदोलन और पंजाब बंद का एलान समूह किसान संगठनों का है और इसे लागू करवाने के लिए पांच मेंबरी कमेटी बनाई गई है।

उन्होंने बताया, सूबे के 12000 गांवों में मोदी सरकार के खिलाफ बोर्ड लगाए जाएंगे। केंद्र में इस्तीफा मंजूर होने के बाद शिअद प्रमुख सुखबीर बादल ने भी आगामी रणनीति बनाने के लिए शनिवार को पार्टी की मीटिंग बुलाई है।

4 दिन से धरने पर था किसान, साथ लाया था जहर
गांव बादल में पूर्व सीएम परकाश सिंह बादल की रिहायश के सामने गत 4 दिनों से धरने पर बैठे किसानों में से मानसा जिले के एक किसान प्रीतम सिंह (70) ने शुक्रवार को धरने के दौरान जहर निगल लिया। साथी किसान उन्हें सिविल अस्पताल ले गए, वहां डॉक्टरों ने उन्हें निजी अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया।

भतीजे बल्लम सिंह ने बताया, परिवार पर करीब 14 लाख का कर्ज है, जिसमें 3 लाख रुपए गांव की सहकारी सोसायटी और अन्य कर्ज आढ़ती और बैंक का है। प्रीतम जहर घर से लाया था। बल्लम सिंह ने कहा प्रीतम सिंह की मौत के लिए सीधे तौर में केंद्र और पंजाब सरकार जिम्मेदार है। वहीं, ईएमओ हर्षित गोयल ने किसान की मौत की पुष्टि की है।

 

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