राफेल मुद्दे पर प्रधानमंत्री और जेटली ‘झूठ’ बोलना बंद करें- राहुल गांधी

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 24, 2018
राफेल मुद्दे पर मोदी सरकार सवालों के बीच बुरी तरह घिर गई हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर राफेल मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली पर पलटवार किया है. राहुल ने  कहा कि समय आ गया है अब वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री 'झूठ बोलना बंद करें.’ जेटली ने कहा था कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के उनके दो बयानों में आपस में विरोधाभास है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह डील रद्द नहीं होगी. 



कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल डील की सच्चाई सामने लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच पर बल दिया. उन्होंने जेटली पर आरोप लगाया कि जेटली को ‘सच और झूठ को घुमाने’ में महारत हासिल है. राहुल ने ट्वीट किया, ‘जेटली को सच या झूठ को घुमाने में महारत हासिल है. उनका सच झूठा होता है और वह उसके बचाव में उतरते हैं जिसका बचाव करना असंभव होता है.’ 

राहुल ने अपने इस ट्वीट के साथ एक मीडिया रिपोर्ट को भी टैग किया है जिसमें जिक्र किया गया है कि किस प्रकार पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फांस्वा ओलांद के आरोपों ने राफेल मुद्दे पर मोदी सरकार को प्रभावित किया है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के उनके दो बयानों में आपस में विरोधाभाष है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह डील रद्द नहीं होगी. और जिस तरह राहुल गांधी और कांग्रेस इस मसले को उठा रही है, उससे लगता है कि सब कुछ पहल से योजनाबद्ध तरीके से किया गया हो. 

समाचार एजेंसी को दिए गए एक इंटरव्यू में अरुण जेटली ने राफेल और इस मसले पर कांग्रेस के आरोपों पर विस्तार से जवाब दिया. राफेल पर मचे बवाल के बाद अरुण जेटली ने राहुल गांधी के गले लगने और आंख मारने वाली घटना पर तंज कसा है और उनकी भाषा को लेकर भी उनकी बुद्धि पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि “पब्लिक डिस्कोर्स लाफ्टर चैलेंज नहीं है, आप किसी को हग कर लो, आंख मार लो और फिर गलत बयान देते रहो. लोकतंत्र में प्रहार होते हैं, लेकिन शब्दावली ऐसी हो जिसमें बुद्धि दिखाई दे.”

जेटली ने कहा 30 अगस्त को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, 'पेरिस में कुछ धमाके होने वाले हैं  और उसके बाद वही हुआ जैसा कि उन्होंने कहा था. यह राहुल गांधी को कैसे मालूम कि बयान ऐसा आने वाला है. ये जो जुगलबंदी है इस तरह की, मेरे पास सबूत नहीं हैं लेकिन मन में प्रश्न खड़ा होता है.“

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान पर जेटली ने कहा कि एक उन्होंने जो कहा उसके अगले दिन जो कहा, वे दोनों बयान आपस में ही विरोधाभाषी हैं, फिर फ्रांस की सरकार और वहां की कंपनी भी स्थिति स्पष्ट कर चुकी है तो कहने को कुछ रह नहीं जाता है.

ओलांद ने कहा था कि अनिल अंबानी के रिलायंस का नाम भारत सरकार ने सुझाया था. उनके पास और कोई विकल्प नहीं था. फ्रेंच मीडिया को दिए इंटरव्यू में ओलांद ने कहा कि भारत सरकार के नाम सुझाने के बाद ही डसॉल्ट एविएशन ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस से बात शुरू की. इस बयान के बाद से ही भारत में सियासी घमासान मचा हुआ है.

हालांकि एक दिन बाद ओलांद ने कहा था कि राफेल की निर्माता कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने फ्रांस सरकार से बात किए बगैर रिलायंस को पार्टनर चुना. भारत सरकार द्वारा रिलायंस को शामिल करने को लेकर दबाव बनाने के आरोप पर डसॉल्ट ही जवाबदेह है.

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