चेन्नई। प्रसार भारती ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भाषण नहीं दिखाने के चलते दूरदर्शन के एक अधिकारी को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई चेन्नई दूरदर्शन केंद्र ने की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूरदर्शन केंद्र की असिस्टेंट डायरेक्टर आर वासुमती ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आईआईटी मद्रास में दिए गए भाषण का सीधा प्रसारण नहीं किया था, जबकि वहां के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि डीडी पोढीगई टीवी पर इसका प्रसारण होना है। हालांकि निलंबन आदेश में स्पष्ट तौर पर कारण नहीं बताया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर को आईआईटी मद्रास में भाषण दिया था। इंडिया टुडे ने प्रसार भारती के सूत्रों के हवाले से लिखा कि निलंबित किए जाने से पहले उन्हें एक ई-मेल भेजा गया था, जिसमें उनसे आदेश के बावजूद प्रसारण नहीं करने का कारण पूछा गया था। प्रसार भारती ने प्रथम दृष्ट्या इसे जानबूझकर आदेश नहीं मानने का मामला बताया है। उन्हें सिविल सर्विस रूल्स-1965 के तहत निलंबित किया गया।
पीएमओ ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय से मांगा जवाबः
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस वक्त प्रधानमंत्री आईआईटी मद्रास में भाषण दे रहे थे, उस वक्त चेन्नई दूरदर्शन केंद्र से तमिल गानों और नाटक का प्रसारण किया जा रहा था। उनके निलंबन पर प्रसार भारती के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर शशि शेखर वेंपति के हस्ताक्षर हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीएमओ ने इस घटनाक्रम पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा था।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से इस पर डीडी पोढीगई से जवाब मांगा गया। जवाबों में विरोधाभास देखा गया। डीडी पोढीगई के अधिकारियों ने क्रू-मेंबर्स के कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंच पाने की बात कही, जबकि डीडी चेन्नई के करीब दो दर्जन से भी ज्यादा कैमरापर्सन कार्यक्रम की कवरेज कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूरदर्शन केंद्र की असिस्टेंट डायरेक्टर आर वासुमती ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आईआईटी मद्रास में दिए गए भाषण का सीधा प्रसारण नहीं किया था, जबकि वहां के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि डीडी पोढीगई टीवी पर इसका प्रसारण होना है। हालांकि निलंबन आदेश में स्पष्ट तौर पर कारण नहीं बताया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर को आईआईटी मद्रास में भाषण दिया था। इंडिया टुडे ने प्रसार भारती के सूत्रों के हवाले से लिखा कि निलंबित किए जाने से पहले उन्हें एक ई-मेल भेजा गया था, जिसमें उनसे आदेश के बावजूद प्रसारण नहीं करने का कारण पूछा गया था। प्रसार भारती ने प्रथम दृष्ट्या इसे जानबूझकर आदेश नहीं मानने का मामला बताया है। उन्हें सिविल सर्विस रूल्स-1965 के तहत निलंबित किया गया।
पीएमओ ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय से मांगा जवाबः
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस वक्त प्रधानमंत्री आईआईटी मद्रास में भाषण दे रहे थे, उस वक्त चेन्नई दूरदर्शन केंद्र से तमिल गानों और नाटक का प्रसारण किया जा रहा था। उनके निलंबन पर प्रसार भारती के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर शशि शेखर वेंपति के हस्ताक्षर हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीएमओ ने इस घटनाक्रम पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा था।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से इस पर डीडी पोढीगई से जवाब मांगा गया। जवाबों में विरोधाभास देखा गया। डीडी पोढीगई के अधिकारियों ने क्रू-मेंबर्स के कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंच पाने की बात कही, जबकि डीडी चेन्नई के करीब दो दर्जन से भी ज्यादा कैमरापर्सन कार्यक्रम की कवरेज कर रहे थे।