मॉब लिंचिंग का शिकार हुए तबरेज अंसारी को भी किसी ने नहीं मारा ?

Written by sabrang india | Published on: September 10, 2019
पटना: झारखंड में जून महीने में 24 वर्षीय युवक की हुई मॉब लिंचिंग मामले में आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोपों को हटा दिया गया क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई। यह जानकारी पुलिस की ओर से दी गई है। 24 वर्षीय तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग मामले की चार्जशीट को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच पुलिस ने कहा कि 11 लोगों के खिलाफ हत्या की बजाय गैर इरादन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। 12वें आरोपी ने शनिवार को सरेंडर किया था, उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 



तबरेज अंसारी को घंटों पीटा गया था और उसे 'जय श्रीराम' बोलने के लिए मजबूर किया गया था। यह घटना 18 जून की है, जब उसे झारखंड के सरायकेला में दो अन्य युवकों के साथ मोटरसाइकिल की चोरी के आरोप में पकड़ा था। इसके चार दिन बाद तबरेज ने 22 जून को अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इससे पहले पहलू खान मामले में कोर्ट के फैसले ने सभी को चौंका दिया था। इस मामले में सारे आरोपी बाइज्जत बरी कर दिए गए थे। अब तबरेज अंसारी की लिंचिंग में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही केस हत्या के आरोपियों के प्रति सॉफ्ट होता नजर आ रहा है।

झारखंड के सीनियर पुलिस ऑफिसर कार्तिक एस। ने एनडीटीवी को बताया, 'मेडिकल रिपोर्ट में हमें हत्या के कोई सबूत नहीं मिले, इसलिए हमने आरोपियों के खिलाफ मर्डर की बजाय गैर इरादन हत्या की धाराएं लगाई हैं। लेकिन इसके तहत भी सजा का प्रावधान समान है।'

उन्होंने कहा कि दो अलग-अलग पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एक ही बात सामने आई है कि तबरेज अंसारी की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है। कार्तिक ने बताया, 'जब हमें मेडिकल रिपोर्ट मिली तो हमने दूसरी राय जानने के लिए उच्च स्तर के विशेषज्ञों से कहा। उन्होंने ने भी वही बात कही।'

सरायकेला-खारवान के उपायुक्त के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने अपनी रिपोर्ट में अंसारी की मौत के लिए पुलिस और उसकी शुरुआती जांच करने वाले डॉक्टरों को जिम्मेदार बताया था। जुलाई में जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया था, 'पुलिस देरी से पहुंची थी तो डॉक्टर भी उनके सिर में लगी चोट का सही से इलाज नहीं कर पाए।'

बाकी ख़बरें