रॉ के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे अमित शाह, पत्रकारों को न्योता देकर मना किया

Written by sabrang india | Published on: August 20, 2019
मोदी सरकार आज कल पत्रकारों से दूर-दूर नजर आ रही है। ताजा मामला रामनाथ काव वार्षिक मेमोरियल लेक्चर का है। जहां पत्रकारों को इस कार्यक्रम में आने के लिए न्योता दिया गया लेकिन कार्यक्रम के एक दिन पहले उन्हें फोन कर मना कर दिया गया। उनसे कहा गया उन्हें कार्यक्रम में आने की इजाजत नहीं है। बताया जा रहा है कि इस बार गृह मंत्री अमित शाह इस व्याख्यान में आंतरिक सुरक्षा पर भाषण देने वाले हैं।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, रामनाथ काव वार्षिक स्मारक व्याख्यान में पहले कुछ प्रतिष्ठित पत्रकारों को रॉ के मुख्यालय में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में बुलाया गया था। इससे पहले इस महीने की शुरुआत में ही कुछ पत्रकारों को पहचान संबंधी कागजात उपलब्ध करा दिए गए थे, लेकिन बीते रविवार को रॉ के अधिकारियों ने उन्हें फोन कर इसे वापस लेने की जानकारी दी। इस दौरान कहा गया कि कार्यक्रम में मीडिया को आने की इजाजत नहीं होगी। बता दें कि ये व्याख्यान भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख रामनाथ काव की याद में हर साल आयोजित किया जाता है।

रॉ के अधिकारियों ने पत्रकारों के निमंत्रण कैंसिल करने को लेकर कहा कि उनकी सूची में मौजूद सभी पत्रकारों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया गया और कहा उनसे निमंत्रण कैंसिल करने के बार में जानकारी दी गई।

रामनाथ काव की याद में आयोजित होने वाले इस व्याख्यान की शुरुआत 2007 में हुई और ये उनकी पुण्यतिथि के दिन आयोजित किया जाता है। शुरुआती सालों में स्मारक व्याख्यान खुफिया एजेंसी के वर्तमान और पूर्व सदस्यों के कैलेंडर में एक उत्सुकता से प्रतीक्षित कार्यक्रम बन गया। यह एकमात्र अवसर बन गया जब मीडिया के एक हिस्से को लोधी रोड के पास रॉ मुख्यालय के उच्च-सुरक्षा क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। इस कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को सुरक्षा पर व्याख्यान देने वालों से सवाल पूछने का खुला मौका मिलता था।

इस कार्यक्रम में रामनाथ काव के परिवार के सदस्यों और काव लड़कों को बुलाया जाता है। इसमें रिटायर्ड अधिकारी की हिस्सेदारी करते हैं और व्याख्यान करते हैं।

इस कार्यक्रम में इससे पहले कई जाने माने शख्सियत हिस्सा लेते रहे हैं। जिनमें राजनयिक, उद्योगपति, नौकरशाह शामिल हैं। इससे पहले कुमार मंगलम बिडला, शशि थरूर, एनएन वोहरा, पियूष पांडे, रघुराम राजन, नरेश चंद्रा और भानु प्रताप मेहता के नाम शामिल हैं। लेकिन इस साल पहली बार ऐसा हुआ है कि जब कोई सेवारत मंत्री भाषण देने जा रहा है।

ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या अमित शाह व्याख्यान देने वाले तो इसलिए पत्रकारों का निमंत्रण कैंसिल किया गया है। ऐसा इसलिए कि इससे पहले वित्त मंत्रालय में पीआईबी-मान्यता प्राप्त पत्रकारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इतना ही वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से सवाल पूछने पर रोक लग चुकी है। जिसके बाद पत्रकारों ने वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार कर दिया था। पत्रकारों ने प्रेस कांफ्रेंस से निकलते हुए कहा था कि उन्हें जानकारी दी गई है कि मीडिया को संबोधित करने वाले अधिकारी सिर्फ बयान पढ़ेंगे और किसी प्रश्न का जवाब नहीं देंगे।

 

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