भीमा कोरेगांव केस: महाराष्ट्र सरकार चाहती थी समीक्षा, केंद्र ने NIA को सौंपा मामला

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 25, 2020
नई दिल्ली: भीमा-कोरेगांव केस को आज अचानक केंद्र सरकार ने एनआईए को सौंप दिया है। एक दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने साल 2018 में हुए भीमा-कोरेगांव हिंसा की समीक्षा का फैसला लिया था। केंद्र के इस फैसले की महाराष्ट्र सरकार ने निंदा की है। 



फैसले पर एतराज जताते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस बारे में राज्य सरकार से पूछा तक नहीं गया। उन्होंने ट्वीट किया कि जब राज्य सरकार इस मामले की तह में जा रही थी, तब ये फ़ैसला किया गया। एक दिन पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने इसे लेकर गुरुवार को मीटिंग रखी थी। 

गृह मंत्री ने इस बारे में कहा था कि वह पुलिस को मिले सबूतों के आधार पर उनके द्वारा इस मामले की जानकारी मिलने के बाद ही इसकी समीक्षा करेंगे और किसी नतीजे तक पहुंचेंगे।

बता दें कि 1 जनवरी, 2018 को पुणे के भीमा-कोरेगांव में हिंसा हुई थी। दलित समुदाय के लोग 250 साल पहले हुई दलितों और मराठाओं के बीच हुई लड़ाई में दलितों की जीत का जश्न मनाने के लिए वहां हर साल इकट्ठा होते हैं। 2018 में यहां हिंसा हुई जिसमें हिंदुत्ववादी संगठनों का भी नाम सामने आया था लेकिन पुलिस का आरोप था कि कार्यक्रम के आयोजकों के नक्सलियों से संबंध थे।

बीते साल अगस्त और सितंबर में 10 एक्टिविस्ट्स को गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपी ट्रायल का सामना कर रहे हैं। हाल ही में एनसीपी नेताओं ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपियों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को बंद करने की मांग की थी।

 

बाकी ख़बरें