जनता के विरोध से परेशान वसुंधरा का नया फरमान

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: September 1, 2018
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे फिर से सत्ता में आने के लिए चुनाव प्रचार पर निकल तो पड़ी हैं, लेकिन उन्हें जिस तरह से विरोध का सामना करना पड़ रहा है, उसने उनके होश उड़ा दिए हैं।

वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के दौरान कई जगह भारी विरोध हुआ और लोगों ने काले झंडे दिखाए। कहीं-कहीं तो गौरव यात्रा पर पथराव तक हो गया।

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(courtesy: Indianexpress)


नाराज और परेशान वसुंधरा राजे ने विरोध करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करना शुरू कर दिया और लोगों को जेल भेजना शुरू कर दिया।

इसके बाद भी वसुंधरा का विरोध थमा नहीं है। जगह-जगह उन्हें काले झंडे दिखाया जाना जारी है।

इस स्थिति से निपटने के लिए वसुंधरा राजे ने एक और बेतुका फैसला लिया है। अब सरकारी कार्यक्रमों में काले कपड़े पहनकर आने पर पाबंदी लगा दी गई है। वैसे ये तरीका भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रमों में पहले से अघोषित तौर पर लागू करती रही है।

फिलहाल राजस्थान में शासन सचिवालय ने विभागाध्यक्षों और जिला कलेक्टरों को अनौपचारिक निर्देश जारी कर दिए हैं, और कह दिया है कि सरकारी कार्यक्रमों में काले कपड़े पहनने वालों को न आने दिया जाए।

इसका पहला औपचारिक अमल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर देखने को मिलने वाला है। शिक्षक दिवस पर होने वाले शिक्षक सम्मान समारोह में काले कपड़े पहनकर आने वाले शिक्षकों पर पाबंदी रहेगी।

शिक्षकों से साफ कह दिया गया है कि वे न तो काले कपड़े पहनकर समारोह स्थल पर आएं और न ही काला बैग या काला रूमाल अपने साथ लेकर आएं। अधिकारियों से कहा गया है कि जो शिक्षक इस फरमान का पालन न करें, उन्हें समारोह स्थल पर आने से रोक दिया जाए।

इस सम्मान समारोह में पहली बार एक साथ 80 हजार शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा और उन्हें श्रीगुरुजी सम्मान से नवाजा जाएगा। इस समारोह में उन्हीं शिक्षकों को बुलाया जा रहा है जिनकी नियुक्ति भाजपा सरकार ने की है।

भाजपा इस समारोह का राजनीतिक लाभ लेना चाहती है, लेकिन साथ ही यह भी नहीं चाहती कि समारोह में कोई शिक्षक विरोध-प्रदर्शन करके रंग में भंग न कर दे।


 

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