गाजियाबाद। बीकेयू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कृषि कानूनों की आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि सरकार और भारतीय जनता पार्टी विश्वास के लायक नहीं हैं। दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गाजियाबाद में किसान यूनियन की मासिक बैठक में टिकैत ने यह बात कही।
बीकेयू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, टिकैत ने कहा, ‘यह आंदोलन लंबे समय तक चलेगा, इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।’उन्होंने कहा, ‘भाजपा और सरकार भरोसे के लायक नहीं हैं।’
टिकैत ने कहा, ‘सत्यपाल मलिक (मेघालय के राज्यपाल) जैसे और लोग आगे आएंगे। किसान उनकी सच्चाई का सम्मान करते हैं। भाजपा सांसद अब घुटन महसूस कर रहे हैं।’ गौरतलब है कि सत्यपाल मलिक ने रविवार को किसान आंदोलन के समर्थन में बयान दिया था।
मलिक ने कहा था कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिसका हल नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि “कुतिया भी मर जाती है तो उसके लिए भी हमारे नेताओं का शोक संदेश आता है, लेकिन 250 किसान मर गए, लेकिन अब तक कोई बोला भी नहीं। ये सब मेरी आत्मा को दर्द देता है।”
जनसत्ता की खबर के मुताबिक राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन में कोई समस्या नहीं है। बस इसको समझने और सुलझाने की जरूरत है। कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का ही मुद्दा है। यदि इसको कानूनी रूप दे दिया जाए तो यह मामला आसानी से हल हो सकता है। देशभर के किसानों के बीच यह एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। ऐसे में इसे जल्द हल करना चाहिए। सत्यपाल मलिक ने कहा, “मैं संवैधानिक पद पर हूं। बिचौलिया बन कर काम नहीं कर सकता।"
बीकेयू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, टिकैत ने कहा, ‘यह आंदोलन लंबे समय तक चलेगा, इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।’उन्होंने कहा, ‘भाजपा और सरकार भरोसे के लायक नहीं हैं।’
टिकैत ने कहा, ‘सत्यपाल मलिक (मेघालय के राज्यपाल) जैसे और लोग आगे आएंगे। किसान उनकी सच्चाई का सम्मान करते हैं। भाजपा सांसद अब घुटन महसूस कर रहे हैं।’ गौरतलब है कि सत्यपाल मलिक ने रविवार को किसान आंदोलन के समर्थन में बयान दिया था।
मलिक ने कहा था कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिसका हल नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि “कुतिया भी मर जाती है तो उसके लिए भी हमारे नेताओं का शोक संदेश आता है, लेकिन 250 किसान मर गए, लेकिन अब तक कोई बोला भी नहीं। ये सब मेरी आत्मा को दर्द देता है।”
जनसत्ता की खबर के मुताबिक राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन में कोई समस्या नहीं है। बस इसको समझने और सुलझाने की जरूरत है। कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का ही मुद्दा है। यदि इसको कानूनी रूप दे दिया जाए तो यह मामला आसानी से हल हो सकता है। देशभर के किसानों के बीच यह एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। ऐसे में इसे जल्द हल करना चाहिए। सत्यपाल मलिक ने कहा, “मैं संवैधानिक पद पर हूं। बिचौलिया बन कर काम नहीं कर सकता।"