नई दिल्ली। बेगूसराय में एक शख्स के महज मुस्लिम होने के चलते गोली मारे जाने की घटना सामने आयी है। इससे संबंधित वीडियो भी अब सामने आ गया है। पीड़ित मोहम्मद कासिम का कहना है कि वह पान की एक दुकान के सामने अपनी बाइक के साथ खड़ा था तभी राजीव यादव नाम का शख्स आया और उसने पूछा उसका नाम क्या है। मोहम्मद कासिम के अपना नाम बताने पर हमलावर ने कहा कि मुस्लिम हो तो यहां क्या कर रहे हो, तुम्हे तो पाकिस्तान में होना चाहिए। और यही बात कहकर उसने गोली मार दी। गोली कासिम की पीठ पर लगी। कासिम का कहना है कि वह अभी दूसरी गोली भरने ही जा रहा था कि तभी उसने धक्का मारकर उसे गिरा दिया। और वहां से भाग निकला। जिसके बाद वह मुखिया के पास पहुंचा। यह पूछे जाने पर कि कोई छुड़ाने आया। कासिम का कहना था कि हमलावर कट्टा लहरा रहा था लिहाजा भय के चलते कोई कैसे उसके पास आ सकता था।
ये घटना बताती है कि समाज में नफरत और घृणा का जहर अब इस स्तर पर आ गया है कि किसी मुस्लिम को मारने के लिए किसी बीफ या फिर कोई दूसरे बहाने को ढूंढने की जरूरत नहीं है। और लोग इतने बेखौफ हो गए हैं कि अब राह चलते भी किसी को कभी भी गोली मार सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो पिछले पांच सालों के दौरान देश और समाज में जो नरफत का बीज बोया गया था अब वह फसल बनकर लहलहा रहा है। और इस तरह से हर शख्स में एक संभावित अपराधी बनने की आशंका पैदा हो गयी है। दूसरी बार सरकार के गठन के साथ ही इस तरह के तत्वों के हौसले और बुलंद हो गए हैं।
वैसे तो पीएम मोदी ने मंच से जिसने मत नहीं दिया है उसको भी साथ लेकर चलने की बात की है। इस मौके पर सबका साथ, सबका विकास के साथ सबके विश्वास को जीतने तक का नारा दिया। लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। बेगूसराय अकेली घटना नहीं है। एमपी के सियोनी में एक मुस्लिम दंपति को कुछ भगवाधारी लफंगों ने रोक कर पीटना शुरू कर दिया और उनसे जबरन जैश्रीराम का नारा लगवाया। वे यहीं तक सीमित नहीं रहे पति से उन शोहदों ने बाकायदा अपनी पत्नी को चप्पल से मरवाया। मुस्लिम के साथ ही अपनी महिला विरोधी घृणा को उन्होंने इस तरह से निकाला।
नई सरकार के गठन के साथ ही इस तरह के मामलों में एक बार फिर बाढ़ आ गयी है। गुड़गांव में नमाज से लौट रहे एक युवक से कुछ लंपटों ने बदमतीजी की। सबसे पहले उसकी टोपी उतार ली और उसके बाद उससे भी जबरन जैश्रीराम का नारा लगवाया। इसी तरह का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक युवक को बांधकर कुछ लोग बेरहमी से पीटते हुए देखे जा सकते हैं। युवक खुद को छोड़ने की गुहार लगा रहा है लेकिन बदमाश उसकी और पिटाई शुरू कर देते हैं।
यही है मोदी का न्यू इंडिया। जिसमें राह चलते कभी भी किसी को लिंच किया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि यह सिलसिला सिर्फ मुसलमानों तक ही सीमित है या फिर रहेगा। पिछले दिनों कुछ जगहों से दलितों और आदिवासियों के साथ भी इसी तरह की हरकतों की खबरें आयी थीं। और कई जगहों पर भूल वश कहकर अपनी दुश्मनियां निपटा ली गयीं। ये घटनाएं बताती हैं कि हम एक ऐसे अराजक समाज की तरफ बढ़ रहे हैं जिसमें कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बचेगी। और यह सिलसिला आगे बढ़ा तो हर नागरिक की जिंदगी असुरक्षित मिलेगी।
ये घटना बताती है कि समाज में नफरत और घृणा का जहर अब इस स्तर पर आ गया है कि किसी मुस्लिम को मारने के लिए किसी बीफ या फिर कोई दूसरे बहाने को ढूंढने की जरूरत नहीं है। और लोग इतने बेखौफ हो गए हैं कि अब राह चलते भी किसी को कभी भी गोली मार सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो पिछले पांच सालों के दौरान देश और समाज में जो नरफत का बीज बोया गया था अब वह फसल बनकर लहलहा रहा है। और इस तरह से हर शख्स में एक संभावित अपराधी बनने की आशंका पैदा हो गयी है। दूसरी बार सरकार के गठन के साथ ही इस तरह के तत्वों के हौसले और बुलंद हो गए हैं।
वैसे तो पीएम मोदी ने मंच से जिसने मत नहीं दिया है उसको भी साथ लेकर चलने की बात की है। इस मौके पर सबका साथ, सबका विकास के साथ सबके विश्वास को जीतने तक का नारा दिया। लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। बेगूसराय अकेली घटना नहीं है। एमपी के सियोनी में एक मुस्लिम दंपति को कुछ भगवाधारी लफंगों ने रोक कर पीटना शुरू कर दिया और उनसे जबरन जैश्रीराम का नारा लगवाया। वे यहीं तक सीमित नहीं रहे पति से उन शोहदों ने बाकायदा अपनी पत्नी को चप्पल से मरवाया। मुस्लिम के साथ ही अपनी महिला विरोधी घृणा को उन्होंने इस तरह से निकाला।
नई सरकार के गठन के साथ ही इस तरह के मामलों में एक बार फिर बाढ़ आ गयी है। गुड़गांव में नमाज से लौट रहे एक युवक से कुछ लंपटों ने बदमतीजी की। सबसे पहले उसकी टोपी उतार ली और उसके बाद उससे भी जबरन जैश्रीराम का नारा लगवाया। इसी तरह का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक युवक को बांधकर कुछ लोग बेरहमी से पीटते हुए देखे जा सकते हैं। युवक खुद को छोड़ने की गुहार लगा रहा है लेकिन बदमाश उसकी और पिटाई शुरू कर देते हैं।
यही है मोदी का न्यू इंडिया। जिसमें राह चलते कभी भी किसी को लिंच किया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि यह सिलसिला सिर्फ मुसलमानों तक ही सीमित है या फिर रहेगा। पिछले दिनों कुछ जगहों से दलितों और आदिवासियों के साथ भी इसी तरह की हरकतों की खबरें आयी थीं। और कई जगहों पर भूल वश कहकर अपनी दुश्मनियां निपटा ली गयीं। ये घटनाएं बताती हैं कि हम एक ऐसे अराजक समाज की तरफ बढ़ रहे हैं जिसमें कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बचेगी। और यह सिलसिला आगे बढ़ा तो हर नागरिक की जिंदगी असुरक्षित मिलेगी।