एलडीए ने 50 साल से भी ज्यादा पुराने मुस्लिम बहुल इलाके में दुकानों और घरों को ध्वस्त करने का सैन्य अभियान शुरू कर दिया है, जिससे 15,000 निवासी परेशान हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक मुस्लिम दर्जी ने आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर ली। उसका घर ढहा दिया गया और लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने उसकी सिलाई मशीन भी छीन ली। मृतक की पहचान लखनऊ के अकबर नगर निवासी अज़ीज़ के रूप में हुई है।
अकबर नगर में पिछले साल दिसंबर से ही अवैध अतिक्रमण को निशाना बनाकर मकान गिराने का काम चल रहा है, जिससे करीब 15,000 लोग परेशान हैं। 13 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश शहरी नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा 27(1) के तहत एलडीए ने अकबर नगर I और II में मकानों को गिराने का आदेश दिया, जहां मुख्य रूप से आर्थिक रूप से संघर्षरत परिवार रहते हैं।
अजीज का घर भी ध्वस्त किए गए घरों में शामिल है। अजीज के परिवार में उनकी पत्नी और छह महीने की बेटी है। घर छिन जाने के बाद अजीज और उनका परिवार टेंट में रहने को मजबूर हो गए। आजीविका के लिए अजीज ने सिलाई का काम शुरू किया। हालांकि, 20 जुलाई को अधिकारियों ने उसकी सिलाई मशीन जब्त कर ली, जिसे उन्होंने कथित तौर पर 800 रुपये रिश्वत देने के बाद वापस हासिल किया। अजीज का घर अकबर नगर के कुकरैल नाले के पास स्थित था। उनकी सिलाई की अस्थाई दुकान थी। परिजनों ने बताया कि अकबर नगर में तोड़फोड़ की कार्रवाई के बाद उन्हें सरकार ने बसंत कुज योजना में विस्थापित भी कर दिया था। परिजनों ने बताया कि रोजगार छिन जाने से अजीज परेशान थे।
आजीविका चलाने के लिए संघर्ष कर रहे अजीज ने अपने परिवार को दुखी छोड़कर आत्महत्या कर ली। ध्वस्तीकरण का यह आदेश 2016 में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा शुरू किए गए गोमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राज्य की राजधानी में नदी के किनारों को सुंदर बनाना है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों के अनुसार, नदी के किनारों पर निर्माण प्रतिबंधित है, यहाँ तक कि संपत्ति के मालिकों के लिए भी, क्योंकि इससे वर्षा जल का प्रवाह बाधित हो सकता है और बाढ़ आ सकती है। ध्वस्तीकरण अभियान से हिंदू परिवार भी प्रभावित हुए हैं।
हालांकि, पिछले महीने अधिकारियों ने 50 साल से भी ज्यादा पुराने मुस्लिम बहुल इलाके में दुकानों और घरों को ध्वस्त करने का अभियान शुरू किया था।
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक मुस्लिम दर्जी ने आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर ली। उसका घर ढहा दिया गया और लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने उसकी सिलाई मशीन भी छीन ली। मृतक की पहचान लखनऊ के अकबर नगर निवासी अज़ीज़ के रूप में हुई है।
अकबर नगर में पिछले साल दिसंबर से ही अवैध अतिक्रमण को निशाना बनाकर मकान गिराने का काम चल रहा है, जिससे करीब 15,000 लोग परेशान हैं। 13 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश शहरी नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा 27(1) के तहत एलडीए ने अकबर नगर I और II में मकानों को गिराने का आदेश दिया, जहां मुख्य रूप से आर्थिक रूप से संघर्षरत परिवार रहते हैं।
अजीज का घर भी ध्वस्त किए गए घरों में शामिल है। अजीज के परिवार में उनकी पत्नी और छह महीने की बेटी है। घर छिन जाने के बाद अजीज और उनका परिवार टेंट में रहने को मजबूर हो गए। आजीविका के लिए अजीज ने सिलाई का काम शुरू किया। हालांकि, 20 जुलाई को अधिकारियों ने उसकी सिलाई मशीन जब्त कर ली, जिसे उन्होंने कथित तौर पर 800 रुपये रिश्वत देने के बाद वापस हासिल किया। अजीज का घर अकबर नगर के कुकरैल नाले के पास स्थित था। उनकी सिलाई की अस्थाई दुकान थी। परिजनों ने बताया कि अकबर नगर में तोड़फोड़ की कार्रवाई के बाद उन्हें सरकार ने बसंत कुज योजना में विस्थापित भी कर दिया था। परिजनों ने बताया कि रोजगार छिन जाने से अजीज परेशान थे।
आजीविका चलाने के लिए संघर्ष कर रहे अजीज ने अपने परिवार को दुखी छोड़कर आत्महत्या कर ली। ध्वस्तीकरण का यह आदेश 2016 में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा शुरू किए गए गोमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राज्य की राजधानी में नदी के किनारों को सुंदर बनाना है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों के अनुसार, नदी के किनारों पर निर्माण प्रतिबंधित है, यहाँ तक कि संपत्ति के मालिकों के लिए भी, क्योंकि इससे वर्षा जल का प्रवाह बाधित हो सकता है और बाढ़ आ सकती है। ध्वस्तीकरण अभियान से हिंदू परिवार भी प्रभावित हुए हैं।
हालांकि, पिछले महीने अधिकारियों ने 50 साल से भी ज्यादा पुराने मुस्लिम बहुल इलाके में दुकानों और घरों को ध्वस्त करने का अभियान शुरू किया था।
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