दक्षिणपंथी खबरों का इस्तेमाल मुसलमानों के खिलाफ और नफरत फैलाने के लिए कर रहे हैं
Image Courtesy:indiatoday.i
मध्य प्रदेश के आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) ने 12 मार्च, 2022 और 13 मार्च, 2022 की दरम्यानी रात चार बांग्लादेशियों को इस्लामिक आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया, जिसने पड़ोसी देश में 300 स्थानों पर 500 छोटे बम विस्फोट किए।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि राज्य पुलिस ने भोपाल के ऐशबाग इलाके में किराए के मकान में छापेमारी कर फजहर अली, मोहम्मद अकील, जहूरुद्दीन और फजर जैनुल अब्दिन को गिरफ्तार किया है। इस बीच, टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि दो आरोपी करोंद इलाके में पकड़े गए।
दक्षिणपंथी सोशल मीडिया यूजर्स ने इस खबर का इस्तेमाल इस्लामोफोबिया को और फैलाने के लिए किया।
हालांकि, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध प्रेस नोट में यह नहीं बताया गया था कि चार लोगों को कहाँ पकड़ा गया था। बयान में केवल इतना बताया गया कि चार लोग कथित तौर पर भविष्य में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक रिमोट-बेस/स्लीपर सेल बनाने की योजना बना रहे थे।
पुलिस ने कहा, "हमें गिरफ्तार किए गए लोगों के पास जिहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और लैपटॉप, मोबाइल और संदिग्ध दस्तावेज मिले और इस तरह पता चला कि ये लोग जेएमबी के हैं।"
2005 के बम-विस्फोट के अलावा, जेएमबी 2014 और 2018 में भी हमलों में शामिल था। 2015 में, जेएमबी नकली भारतीय मुद्रा की बड़ी खेप को पश्चिम बंगाल और असम में भेजने में शामिल था।
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मध्य प्रदेश के आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) ने 12 मार्च, 2022 और 13 मार्च, 2022 की दरम्यानी रात चार बांग्लादेशियों को इस्लामिक आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया, जिसने पड़ोसी देश में 300 स्थानों पर 500 छोटे बम विस्फोट किए।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि राज्य पुलिस ने भोपाल के ऐशबाग इलाके में किराए के मकान में छापेमारी कर फजहर अली, मोहम्मद अकील, जहूरुद्दीन और फजर जैनुल अब्दिन को गिरफ्तार किया है। इस बीच, टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि दो आरोपी करोंद इलाके में पकड़े गए।
दक्षिणपंथी सोशल मीडिया यूजर्स ने इस खबर का इस्तेमाल इस्लामोफोबिया को और फैलाने के लिए किया।
हालांकि, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध प्रेस नोट में यह नहीं बताया गया था कि चार लोगों को कहाँ पकड़ा गया था। बयान में केवल इतना बताया गया कि चार लोग कथित तौर पर भविष्य में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक रिमोट-बेस/स्लीपर सेल बनाने की योजना बना रहे थे।
पुलिस ने कहा, "हमें गिरफ्तार किए गए लोगों के पास जिहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और लैपटॉप, मोबाइल और संदिग्ध दस्तावेज मिले और इस तरह पता चला कि ये लोग जेएमबी के हैं।"
2005 के बम-विस्फोट के अलावा, जेएमबी 2014 और 2018 में भी हमलों में शामिल था। 2015 में, जेएमबी नकली भारतीय मुद्रा की बड़ी खेप को पश्चिम बंगाल और असम में भेजने में शामिल था।
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