RSS कहता है ज्यादा बच्चे पैदा करो, मोदी सरकार कर रही मातृत्व लाभ में कटौती

Published on: February 18, 2017
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उससे जुड़े नेताओं को फिक्र है कि हिंदुओँ की आबादी कम हो रही है। इसीलिए समय समय पर ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील आती रहती हैं। वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार मातृत्व लाभ में कटौती कर रही है। नए साल के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मातृत्व लाभ (मेटरनिटी बेनेफिट) के अंतर्गत 6000 रुपए देने की घोषणा की थी। लेकिन अब सरकार की तरफ से इस बजट में कटौती की जाने वाली है। अबतक ऐसा लाभ किसी भी महिला को दो बच्चे पैदा करने तक मिलता है। इसके अंतर्गत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय लाभ को एक बच्चे तक समेटने की तैयारी में है। 

Bhagwat and Modi
 
अबतक केंद्र सरकार इस स्कीम का 60 प्रतिशत फंड देती थी। उसे घटाकर 50 प्रतिशत किया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस वक्त कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। मंत्रालय के एक सीनियर मंत्री ने बताया कि पीएमओ से बातचीत के बाद आगे की तैयारी और स्कीम को चलाने का काम किया जाएगा। अधिकारी ने यह भी साफ किया कि स्कीम को एक बच्चे तक सीमित करने की बात चल रही है।
 
नए साल पर क्या बोला गया था पीएम ने ? नए साल पर लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि स्कीम को पूरे भारत के लोगों तक पहुंचाने का का काम किया जाएगा। इस स्कीम को यूपीए 2 करे वक्त पर शुरू किया गया था। अक्टूबर 2010 में शुरू की गई इस स्कीम का नाम इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना रखा गया था। तब इसको देश के 650 जिलों में से 53 जिलों में ही शुरू किया गया था। मोदी की घोषणा के बाद जनवरी में मंत्रालय ने योजना की डीटेल जारी की थी। बताया गया था कि केंद्र सरकार 60 प्रतिशत पैसा देगी। इसके अलावा कहा गया था कि 19 साल से ऊपर की महिला को दो बच्चे पैदा करने तक यह लाभ मिलेगा।

जनसत्ता के अनुसार, सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस स्कीम के लिए जितना पैसा चाहिए 2017-18 का बजट उससे काफी कम है। यूनियन बजट में इस स्कीम को 2,700 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इससे हर साल जन्म लेने वाले तकरीबन 2.6 करोड़ बच्चों में से 90 लाख बच्चों को ही कवर किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए सालाना 14,512 करोड़ रुपए की जरूरत होती है।

Courtesy: National Dastak
 

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