अखबारनामा: भक्ति मोड में इंडियन एक्सप्रेस

Written by संजय कुमार सिंह | Published on: May 27, 2019
इमरान खान ने फोन करके प्रधानमंत्री को बधाई दी। इमरान खान की ओर से तो यह एक औपचारिकता है पर चुनाव प्रचार के दौरान जो स्थितियां बनीं थीं उसके मद्देनजर एक महत्वपूर्ण खबर है। खबर एनडीटीवी डॉट कॉम के अनुसार, इमरान खान ने नरेंद्र मोदी को फोन कर बात की और दोनों देशों के लोगों की बेहतरी के लिए मिलकर काम करने की इच्छा जताई। इस्लामाबाद डेटलाइन की इस खबर के अनुसार, विदेश कार्यालय ने (पाकिस्तान के) यह जानकारी दी। लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी की जीत पर इमरान ने पिछले दिनों ट्वीट करके भी बधाई दी थी। आजतक डॉट आईएनटुडे के मुताबिक, इसी साल हुए पुलवामा हमले के बाद इमरान खान और नरेंद्र मोदी के बाद यह पहली बातचीत है। आज तक की इस खबर का शीर्षक है, इमरान खान ने फोन कर जीत की बधाई दी तो मोदी बोले- आतंकवाद मुक्त माहौल बनाएं।

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को टेलीफोन करने और बधाई देने के लिए मोदी ने उन्हें धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की पड़ोसी प्रथम नीति की पहलों का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से संयुक्त रूप से गरीबी से लड़ने के पहले दिए गए सुझावों का भी उल्लेख किया। मोदी ने जोर देकर कहा 'हमारे क्षेत्र में शान्ति, प्रगति और समृद्धि के लिए सहयोग बढ़ाने हेतु विश्वास और हिंसा के अलावा आतंकवाद से मुक्त वातावरण का निर्माण करना अनिवार्य है।' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव नेपाल ने भारत में हुए आम चुनावों में जीत पर टेलीफोन पर बधाई दी।

मोटे तौर पर यह एक सामान्य और रूटीन खबर है। इंडियन ने इसे आज सात कॉलम में तान दिया है। पहले पन्ने पर इंडियन एक्सप्रेस की दूसरी खबर है, राजस्थान भाजपा में फूट, दो मंत्रियों ने गहलौत पर निशाना साधा। एक्सप्रेस की यह खबर एक्सक्लूसिव है इसलिए महत्वपूर्ण होने पर भी दूसरों में नहीं हो सकती है। लेकिन इमरान खान वाली खबर सातल कॉलम की तो नहीं है। आइए, देखें दूसरे अखबारों में यह खबर कैसे छपी है। दिल्ली के हिन्दुस्तान टाइम्स में यह चार कॉलम दो लाइन की लीड, टाइम्स ऑफ इंडिया चार कॉलम दो लाइन की लीड और द टेलीग्राफ में सिंगल कॉलम। स्टेट्समैन में तीन कॉलम दो लाइन की खबर है। पर लीड नहीं है। जो खबर लीड है वह 30 मई को शपथ ग्रहण की है। अभी देश में उत्सुकता तो शपथग्रहण को लेकर है पर उसकी खबर ढूंढ़िये अपने अखबारों में। एशियन एज में भी यह खबर चार कॉलम में दो लाइन के शीर्षक के साथ है। डेक्कन हेराल्ड में यह खबर दो कॉलम में दो लाइन में है जबकि द ट्रिब्यून में यह चार कॉलम में एक लाइन के शीर्षक से है।

हिन्दी अखबारों में जनसत्ता में यह खबर 30 को शपथग्रहण की लीड खबर के साथ सिंगल कॉलम में है। दैनिक भास्कर में यह खबर पहले पन्ने पर नहीं है। शपथग्रहण की खबर मां से मिलने की खबर के साथ है। हिन्दुस्तान में यह खबर दो कॉलम में है। दो लाइन का शीर्षक है। नवभारत टाइम्स में यह खबर पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर है। प्रधानमंत्री की गुजरात यात्रा और शपथ ग्रहण से संबंधित खबरें यहां है और इसी में दो लाइन के शीर्षक और दो कॉलम की इमरान खान की खबर है। असल में नभाटा में पहले पेज पर अजीब आकार प्रकार का एक विज्ञापन है और उसके साथ की खबरें पेड न्यूज लग रही हैं हालांकि भिन्न किस्म और चरित्र की है इसलिए होगी नहीं। नवोदय टाइम्स में यह खबर तीन कॉलम में दो लाइन के शीर्षक के साथ लीड छपी है।

अमर उजाला में जोश और ज्यादा है। पांच कॉलम में दो लाइन का शीर्षक है, "इमरान को मोदी की दो टूक, अमन के लिए क्षेत्र में बनाएं आतंकमुक्त माहौल" (आगे मैंने पढ़ लिया, नहीं तो घर में घुस कर मारूंगा)। दैनिक जागरण में यह खबर लीड है और शीर्षक, इमरान से कहा, शांति के लिए खत्म करो आतंकवाद। उपशीर्षक है, सख्त संदेश - पाक पीएम ने जीत पर बधाई देने के लिए किया था फोन। जागरण में इस खबर के ऊपर टॉप में आठ कॉलम की बॉक्स खबर है, अमेठी में स्मृति के लिए प्रचार करने वाले भाजपा कार्यकर्ता की हत्या। वैसे तो यह खबर लगभग सभी अखबारों में है और होने लायक है भी - लेकिन पहले पन्ने पर आठ कॉलम !! इमरान खान वाली खबर राजस्थान पत्रिका में सिंगल कॉलम की है। मोदी को बधाई फ्लैग शीर्षक लाल रंग में है और दो लाइन का शीर्षक, दो पैरे की खबर के साथ है। अमेठी में कार्यकर्ता की हत्या से संबंधित तीन कॉलम की फोटो चार लाइन के कैप्शन के साथ पहले पन्ने पर और खबर अंदर होने की सूचना है।

आज राजस्थान पत्रिका में लीड है, "अब कर्नाटक में संकट, भाजपा खेमे में दिखे दो कांग्रेस विधायकत।" वैसे तो यह मामला सर्वविदित है पर अखबारों में खबर?

(वैसे तो आज मुझे यह रिपोर्ट नहीं लिखना था पर इंडियन एक्सप्रेस की सात कॉलम की खबर ने बाकी अखबार देखने और लिखने के लिए प्रेरित किया – अब अगली रिपोर्ट इतवार या सोमवार को।)

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार, अनुवादक व मीडिया समीक्षक हैं।)

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