कोरोना महामारी का लाभ उठाने वाले पूंजीपतियों का गुलाम है मीडिया, इसलिए नहीं दिखाता सही खबरें

Written by Girish Malviya | Published on: August 4, 2020
लोग पूछते हैं कि आप कोरोना वायरस पर इतना जो लिख रहे हैं, यदि यह सच है तो भारत की बात छोड़िए बाकी दुनिया के लोग कुछ क्यों नहीं बोल रहे हैं ? मेरा जवाब यही होता है कि दुनियाभर मे लोग बोल रहे हैं पर आपको उनकी खबरें नही दिखाई जाती इसलिए आपको ऐसा लगता है कि कोई कुछ नही बोल रहा।



कल जर्मनी के बर्लिन में लगभग लाख लोगों ने एक साथ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया है। आपका मीडिया आपको यह खबर नहीं दिखाएगा और यह कोई पहला प्रदर्शन नहीं है। दुनिया भर में अब तक सड़कों पर उतरकर लोग सैकड़ों प्रदर्शन कर चुके है लेकिन कभी आपको आपका मीडिया यह नहीं बताएगा क्योकि पूरी दुनिया का मीडिया उन पूंजीपतियों का गुलाम मीडिया है जो इस कोरोना महामारी से लाभ उठा रहे है।

आप जानते है कल बर्लिन में प्रदर्शनकारियो क्या नारे लगा रहे थे ? वे क्या बोल रहे थे ? वे चिल्ला रहे थे 'महामारी कभी नहीं हुई।" एक आदमी चिल्लाया...... बिल गेट्स कोरोनोवायरस के पीछे है और हर किसी को जबरदस्ती टीका लगाना चाहता है और जर्मन सरकार उसे ऐसा करने में मदद कर रही है, लॉकडाउन एक साजिश है......... नो फौसी, नो गेट्स, नो फियर।

वे कह रहे थे कि प्रतिबंधों ने उनके अधिकारों को रौंद दिया था। उन्होंने सीटी बजाई और "स्वतंत्रता" और "प्रतिरोध" शब्द जोर जोर से चिल्लाने लगे, वे नारे लगा रहे थे कि "सबसे बड़ी कांस्पिरेसी-कोरोनोवायरस-महामारी" है। हम मास्क हर वक्त नहीं लगा सकते। 'हमें ये "न्यू वर्ल्ड आर्डर" बिल्कुल पसंद नहीं है' ओर हमें बिल गेट्स जैसे लोगो की वैक्सीन नहीं चाहिए, नो लॉकडाउन।

जर्मनी में सरकार महामारी की सेकंड वेव की बात कर रही है तो प्रदर्शनकारी चिल्ला रहे थे "हम दूसरी लहर हैं" कुछ ने "मास्क ऑन, ब्रेन ऑफ" जैसे नारे लगाए कुछ लोग कोरोना- फेक अलार्म जैसी टी शर्ट पहने हुए थे।

ऐसे ही प्रदर्शन पोलैंड में, ऑस्ट्रेलिया में, अमेरिका में ओर यूरोप के अन्य कई देशों में हुए है लेकिन उनकी खबरे कभी सामने नहीं आती और अगर भूले भटके से आ भी जाए तो उसे किसी ओर ही अंदाज में प्रस्तुत किया जाता है।

बाकी ख़बरें