बीएसपी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भाई आनंद कुमार की बेनामी संपत्ति को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। मायावती ने आयकर विभाग की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया। मायावती ने कहा कि इस पार्टी ने पिछला लोकसभा चुनाव बेनामी संपत्ति के जरिए ही जीता है और उसे सबसे पहले इसका खुलासा करना चाहिए। बता दें कि आयकर विभाग ने गुरुवार को नोएडा में आनंद का 400 करोड़ रुपये कीमत का प्लॉट जब्त किया था।
बीएसपी सुप्रीमो ने आगे कहा कि जब दलित और वंचित वर्ग का कोई व्यक्ति तरक्की हासिल करता है तो भाजपा के लोगों को बहुत परेशानी होती है और फिर वह सत्ता और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके अपनी ओर से जातिवादी द्वेष निकालते हैं।
मायावती ने कहा कि अगर भाजपा नेता खुद को हरीशचंद्र मानते हैं तो अपनी भी जांच करवाएं। इससे पता चल जाएगा कि राजनीति में आने के बाद उनकी संपत्ति कितनी बढ़ी। उन्होेंने कहा, 'मोदी-शाह की जोड़ी से मेरा सवाल कि दफ्तर बनाने के लिए अरबों रुपए कहां से आए, क्या ये बेनामी नहीं? चुनाव के दौरान 2000 करोड़ से ज्यादा भाजपा के खाते में आए, लेकिन अब तक इसका खुलासा नहीं हुआ। इसकी भी जांच होनी चाहिए। यदि वे (भाजपा) ऐसा सोचते हैं कि वो बहुत ईमानदार हैं तो उन्हें इस बात की जांच करानी चाहिए।'
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोग जातिवाद से ग्रसित हैं। शिक्षा और व्यापार में वे दलितों और अन्य पिछड़ी जातियों का विकास नहीं देखना चाहते। समस्याएं खड़ी करने के लिए वो कई तरह के रास्तों का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन पार्टी दलित और पिछड़े लोगों के विकास का काम करती रहेगी।
इससे पहले गुरुवार रात मायावती ने ट्वीट किया था कि भाजपा केंद्र की सत्ता का दुरुपयोग कर अपने विपक्षियों को साजिश के तहत फर्जी मामलों में फंसाकर प्रताड़ित कर रही है। अब मेरे भाई-बहनों को भी परेशान किया जा रहा है। ऐसी ही घिनौनी हरकत भाजपा सरकार ने 2003 में भी आयकर और सीबीआई के जरिए हमारे खिलाफ की थी। हमें संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला।
बीएसपी सुप्रीमो ने आगे कहा कि जब दलित और वंचित वर्ग का कोई व्यक्ति तरक्की हासिल करता है तो भाजपा के लोगों को बहुत परेशानी होती है और फिर वह सत्ता और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके अपनी ओर से जातिवादी द्वेष निकालते हैं।
मायावती ने कहा कि अगर भाजपा नेता खुद को हरीशचंद्र मानते हैं तो अपनी भी जांच करवाएं। इससे पता चल जाएगा कि राजनीति में आने के बाद उनकी संपत्ति कितनी बढ़ी। उन्होेंने कहा, 'मोदी-शाह की जोड़ी से मेरा सवाल कि दफ्तर बनाने के लिए अरबों रुपए कहां से आए, क्या ये बेनामी नहीं? चुनाव के दौरान 2000 करोड़ से ज्यादा भाजपा के खाते में आए, लेकिन अब तक इसका खुलासा नहीं हुआ। इसकी भी जांच होनी चाहिए। यदि वे (भाजपा) ऐसा सोचते हैं कि वो बहुत ईमानदार हैं तो उन्हें इस बात की जांच करानी चाहिए।'
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोग जातिवाद से ग्रसित हैं। शिक्षा और व्यापार में वे दलितों और अन्य पिछड़ी जातियों का विकास नहीं देखना चाहते। समस्याएं खड़ी करने के लिए वो कई तरह के रास्तों का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन पार्टी दलित और पिछड़े लोगों के विकास का काम करती रहेगी।
इससे पहले गुरुवार रात मायावती ने ट्वीट किया था कि भाजपा केंद्र की सत्ता का दुरुपयोग कर अपने विपक्षियों को साजिश के तहत फर्जी मामलों में फंसाकर प्रताड़ित कर रही है। अब मेरे भाई-बहनों को भी परेशान किया जा रहा है। ऐसी ही घिनौनी हरकत भाजपा सरकार ने 2003 में भी आयकर और सीबीआई के जरिए हमारे खिलाफ की थी। हमें संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला।