करनाल। हरियाणा में करनाल जिले के कैमला गांव में रविवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘किसान महापंचायत’ के कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की। वहां मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के फायदों के बारे में बताने वाले थे। ये सारी बातें सोशल मीडिया के सहारे पूरे दिन सामने आ रही थीं लेकिन मेनस्ट्रीम मीडिया सीएम खट्टर की छवि बचाने के लिए विरोध की खबर दबाने में जुटा था। मीडिया के एक धड़े ने खराब मौसम की वजह से खट्टर का किसान महापंचायत रद करना बताया है।
बता दें कि सीएम के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों ने मंच को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए अस्थाई हेलिपैड पर कब्जा जमा लिया, उसे भी क्षतिग्रस्त कर दिया। नतीजतन मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर के वहां पहुंचने के बाद उसे लौट जाना पड़ा। प्रदर्शन कर रहे किसानों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें डालीं, लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।
हरियाणा पुलिस ने किसानों को कैमला गांव की ओर मार्च करने से रोकने के लिए पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े। हालांकि पुलिस द्वारा किये गए सुरक्षा इंतजामों के बावजूद प्रदर्शनकारी किसान खेतों के रास्ते कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और उस अस्थायी हेलीपैड को क्षतिग्रस्त कर दिया जहां खट्टर का हेलीकॉप्टर उतरना था। बाद में प्रदर्शनकारी किसानों ने हेलीपैड को अपने नियंत्रण में ले लिया और वहां बैठ गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने हेलीपैड की टाइल भी उखाड़ दी।
किसानों ने मंच को क्षतिग्रस्त करके, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़कर ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम को बाधित किया। इस दौरान पथराव भी किया गया। नाराज किसानों में मुख्य तौर पर युवा शामिल थे और उन्होंने मंच, टेंट और कार्यक्रम स्थल पर लगाये गए स्पीकर क्षतिग्रस्त कर दिये। इन लोगों ने भाजपा के होर्डिंग फाड़ दिये और पुलिसकर्मियों की मैाजूदगी में बैनर उखाड़ दिये।
भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के बैनर तले किसानों ने पहले किसान महापंचायत का विरोध करने की घोषणा की थी। किसान मांग कर रहे हैं कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। आंदोलनकारी किसानों द्वारा कार्यक्रम स्थल को अपने नियंत्रण में लेने से पहले हरियाणा के मंत्री कंवर पाल गुज्जर, कृष्ण लाल पंवार, करनाल सांसद संजय भाटिया और घरौंदा विधायक हरविंदर कल्याण कार्यक्रम का हिस्सा थे।
बता दें कि सीएम के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों ने मंच को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए अस्थाई हेलिपैड पर कब्जा जमा लिया, उसे भी क्षतिग्रस्त कर दिया। नतीजतन मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर के वहां पहुंचने के बाद उसे लौट जाना पड़ा। प्रदर्शन कर रहे किसानों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें डालीं, लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।
हरियाणा पुलिस ने किसानों को कैमला गांव की ओर मार्च करने से रोकने के लिए पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े। हालांकि पुलिस द्वारा किये गए सुरक्षा इंतजामों के बावजूद प्रदर्शनकारी किसान खेतों के रास्ते कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और उस अस्थायी हेलीपैड को क्षतिग्रस्त कर दिया जहां खट्टर का हेलीकॉप्टर उतरना था। बाद में प्रदर्शनकारी किसानों ने हेलीपैड को अपने नियंत्रण में ले लिया और वहां बैठ गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने हेलीपैड की टाइल भी उखाड़ दी।
किसानों ने मंच को क्षतिग्रस्त करके, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़कर ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम को बाधित किया। इस दौरान पथराव भी किया गया। नाराज किसानों में मुख्य तौर पर युवा शामिल थे और उन्होंने मंच, टेंट और कार्यक्रम स्थल पर लगाये गए स्पीकर क्षतिग्रस्त कर दिये। इन लोगों ने भाजपा के होर्डिंग फाड़ दिये और पुलिसकर्मियों की मैाजूदगी में बैनर उखाड़ दिये।
भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के बैनर तले किसानों ने पहले किसान महापंचायत का विरोध करने की घोषणा की थी। किसान मांग कर रहे हैं कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। आंदोलनकारी किसानों द्वारा कार्यक्रम स्थल को अपने नियंत्रण में लेने से पहले हरियाणा के मंत्री कंवर पाल गुज्जर, कृष्ण लाल पंवार, करनाल सांसद संजय भाटिया और घरौंदा विधायक हरविंदर कल्याण कार्यक्रम का हिस्सा थे।