दिल्ली में अब स्थिति सामान्य होती दिख रही है। पिछले 2-3 दिनों में हिंसा की कोई नई घटना नहीं हुई है, लेकिन हिंसाग्रस्त नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में शुक्रवार को जब एक बुजुर्ग कूड़ा बीनने के लिए वहां गए और वहां उसके सिर में काफी चोट लग गई। घायल अवस्था में उसे लाया गया, लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। मृतक के बेटे का कहना है कि उसके पिता हिंसा के नए मामलों के शिकार हुए हैं।
अयूब शब्बीर जो गाजियाबाद के लोनी में नसबंदी कॉलोनी में अपने 18 साल के दिव्यांग बेटे सलमान अंसारी के साथ रहते थे, और कूड़ा की वजह से रोजाना 300 से 400 रुपये तक कमा लेते थे।
घटना के बाद सलमान अंसारी ने कहा, 'मैंने बाहर जाने को लेकर अपने पिता को आगाह किया था लेकिन उन्होंने कहा कि स्थिति अब सामान्य हो गई है और हम लंबे समय घर नहीं बैठ सकते। ऐसे में कुछ भी नहीं कमा सकते।'
पिता की मौत से दुखी सलमान ने कहा, 'मेरे पास अब कोई नहीं है। मैं क्या करूंगा। जब वह बच्चा था तो उसकी मां ने उसे छोड़ दिया, छोटे भाई को अपने साथ ले गई थी।' सलमान ने दावा किया कि उनके पिता गुरुवार को एक हमले में बच गए थे जब कुछ लोगों ने उन्हें बाहर निकाल दिया।
सलमान ने कहा, 'मेरे पिता गुरुवार की सुबह कुछ बुजुर्ग लोगों की मदद से बचा लिए गए थे। लेकिन आज, जब मैं सो रहा था, तो वह बहुत जल्दी निकल गए। करीब सुबह 6 बजे के आसपास, दो लोग उन्हें स्कूटर पर घर ले आए। उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी। उन लोगों ने कहा कि शिव विहार और करावल नगर के बीच के क्षेत्र में उन्हें घायल अवस्था में पाया गया।
सलमान ने यह भी दावा किया कि उनके पिता ने उन्हें बताया कि कुछ लोगों ने उनसे उनका नाम और धर्म पूछा और फिर उन्हें मारा। हालांकि, उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया कि कितने लोग थे या किसने उन्हें मारा था।
'पुलिस ने मदद नहीं की'
सलमान ने कहा, 'मैंने उन्हें चाय के लिए पूछा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। जब मैंने पुलिस को फोन किया। वो आए तो जरूर, लेकिन मेरे पिता को नजदीक के अस्पताल ले जाने में मेरी कोई मदद नहीं की।
अयूब शब्बीर जो गाजियाबाद के लोनी में नसबंदी कॉलोनी में अपने 18 साल के दिव्यांग बेटे सलमान अंसारी के साथ रहते थे, और कूड़ा की वजह से रोजाना 300 से 400 रुपये तक कमा लेते थे।
घटना के बाद सलमान अंसारी ने कहा, 'मैंने बाहर जाने को लेकर अपने पिता को आगाह किया था लेकिन उन्होंने कहा कि स्थिति अब सामान्य हो गई है और हम लंबे समय घर नहीं बैठ सकते। ऐसे में कुछ भी नहीं कमा सकते।'
पिता की मौत से दुखी सलमान ने कहा, 'मेरे पास अब कोई नहीं है। मैं क्या करूंगा। जब वह बच्चा था तो उसकी मां ने उसे छोड़ दिया, छोटे भाई को अपने साथ ले गई थी।' सलमान ने दावा किया कि उनके पिता गुरुवार को एक हमले में बच गए थे जब कुछ लोगों ने उन्हें बाहर निकाल दिया।
सलमान ने कहा, 'मेरे पिता गुरुवार की सुबह कुछ बुजुर्ग लोगों की मदद से बचा लिए गए थे। लेकिन आज, जब मैं सो रहा था, तो वह बहुत जल्दी निकल गए। करीब सुबह 6 बजे के आसपास, दो लोग उन्हें स्कूटर पर घर ले आए। उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी। उन लोगों ने कहा कि शिव विहार और करावल नगर के बीच के क्षेत्र में उन्हें घायल अवस्था में पाया गया।
सलमान ने यह भी दावा किया कि उनके पिता ने उन्हें बताया कि कुछ लोगों ने उनसे उनका नाम और धर्म पूछा और फिर उन्हें मारा। हालांकि, उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया कि कितने लोग थे या किसने उन्हें मारा था।
'पुलिस ने मदद नहीं की'
सलमान ने कहा, 'मैंने उन्हें चाय के लिए पूछा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। जब मैंने पुलिस को फोन किया। वो आए तो जरूर, लेकिन मेरे पिता को नजदीक के अस्पताल ले जाने में मेरी कोई मदद नहीं की।