लोकसभा चुनाव 2019: पांचवें चरण में सात राज्यों की 51 सीटों पर मतदान, राहुल, अभी 2014 में BJP जीती थी 39 सीटें

Written by sabrang india | Published on: May 6, 2019
लोकसभा चुनाव 2019  के लिए पांचवे चरण में सात राज्यों की 51 सीटों पर आज मतदान चल रहा है। इस चरण में गृहमंत्री राजनाथ , केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी, राज्यवर्धन राठौर समेत आधा दर्जन केंद्रीय मंत्रियों के साथ तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। वहीं तीन पूर्व केंद्रीय मंत्रियों समेत दर्जनों सियासी दिग्गजों की साख के लिए अग्नि परीक्षा होनी है। 

लोकसभा चुनाव 2019 पांचवे चरण में जिन 51 सीटों पर चुनाव होना है, उनमें 40 सीटें एनडीए के कब्जे में है, जिनमें 39 भाजपा और एक लोजपा के पास है। जबकि तृणमूल कांग्रेस के पास सात और कांग्रेस के पास दो के अलावा एक-एक सीट पीडीपी और बीएलएसपी के कब्जे में हैं। इनमें यूपी की 14 में 12, राजस्थान में सभी 12, मध्य प्रदेश में सभी सात और झारखंड की सभी चारों सीटें भाजपा के पास हैं, जबकि बिहार की पांच में तीन भाजपा व एक लोजपा के कब्जे में है। 

जम्मू-कश्मीर की लद्धाख सीट पर भी भाजपा का कब्जा है। इन सीटों में पश्चिम बंगाल की सभी सातों सीटें तृणमूल कांग्रेस के पास हैं, जबकि यूपी में दो सीटों पर कांग्रेस और जेएंडके की एक सीट पर पीडीपी काबिज है। इस दौर की चुनावी जंग में 79 महिलाओं समेत 674 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें 150 राष्ट्रीय दल, 31 क्षेत्रीय दल, 240 गैर पंजीकृत दलों के अलावा 253 निर्दलीय रूप से सियासी संग्राम में शामिल हैं।

पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश में अवध क्षेत्र में मतदान हो रहे हैं जहां बीजेपी और कांग्रेस की लड़ाई की बड़ी तस्वीर सामने है। 14 सीटों में बीजेपी ने 2014 में 12 सीटें जीती थीं। सिर्फ रायबरेली और अमेठी में ही बीजेपी चूक गई थी। वहीं 2009 में कांग्रेस ने 14 सीटों में से 7 सीटें जीती थीं। 

इस बार कांग्रेस न सिर्फ दो सीटों पर बल्कि धौरहरा, बारांबकी, फैजाबाद और सीतापुर में भी बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है। अमेठी में राहुल गांधी और स्मृति इरानी एक बार फिर आमने-सामने हैं तो रायबरेली में सोनिया के सहयोगी रह चुके दिनेश सिंह उनके खिलाफ बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। 

लखनऊ में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का मुकाबला गठबंधन की प्रत्याशी पूनम सिन्हा से है। वहीं रिजर्व सीट मोहनलालगंज में बीजेपी के मौजूदा सांसद कौशल किशोर के सामने गठबंधन से सीएल वर्मा और कांग्रेस से आरके चौधरी हैं। फैजाबाद में बीजेपी सांसद लल्लू सिंह, गठबंधन के प्रत्याशी आनंद सेन और कांग्रेस के निर्मल खत्री के बीच मुकाबला है। इसके अलावा नेपाल सीमा के पास स्थित धौरहरा सीट पर कांग्रेस के जितिन प्रसाद और बीजेपी की रेखा वर्मा के बीच दिलचस्प मुकाबला है। 

राजस्थान में कांग्रेस के लिए चुनौती 
इस चरण में एमपी और राजस्थान में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी दोनों हिंदी पट्टी के राज्यों में हार गई थी और कांग्रेस ने यहां सरकार बनाई थी लेकिन बीजेपी राष्ट्रीय चुनाव अच्छा प्रदर्शन करने के लिए भारी दांव लगा रही है। दूसरी ओर, चार महीने पहले ही बनी सरकार के बावजूद कांग्रेस को यहां चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। 

राजस्थान में पूर्वी हिस्से में सभी 12 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं जिसे डेप्युटी सीएम सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है। यहां गुर्जरों की आबादी बहुल हैं जो सचिन पायलट को सीएम न बनाए जाने के चलते कांग्रेस नेतृत्व से नाराज हैं. हालांकि सचिन चाहते हैं कि वे एकजुट रहें ताकि उनके वोटों का बंटवारा न हो। 

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