सेंट्रल यूनिवर्सिटीज रैंकिंग में जामिया नंबर- 1, JNU, AMU भी लिस्ट में ऊपर

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 14, 2020
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध का केंद्र बनकर उभरी जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की लिस्ट में पहला स्थान हासिल किया है। यूनिवर्सिटी को 90 फीसदी स्कोर के साथ रैंकिंग में पहला नंबर मिला है। 



जामिया के बाद दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी आई है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी रैंकिंग में राजीव गांधी यूनिवर्सिटी को 83 फीसदी स्कोर मिला है। तीसरे नंबर पर 82 फीसदी स्कोर के साथ जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी आई है। रैंकिंग में चौथा नंबर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का है। एएमयू 78 फीसदी स्कोर के साथ चौथे नंबर पर है।

टीओआई के मुताबिक जामिया यूनिवर्सिटी की चांसलर नजमा अख्तर ने बताया कि यह उपलब्धि और भी अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के दिनों में जामिया चुनौतीपूर्ण समय से गुजरा था। यूनिवर्सिटी को पहला पायदान मिलने को उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, प्रासंगिक और केंद्रित अनुसंधान, यूनिवर्सिटी की बेहतर धारणा को कुछ कारणों में से एक माना है।

यूनिवर्सिटियों का मूल्यांकन 2019-20 में तय किए गए MoU के तहत किया गया। जामिया मिल्लिया ने बयान जारी करके कहा- 'सभी यूनिवर्सिटी को शिक्षा मंत्रालय और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के साथ ट्राइपार्टी MoU साइन करना था। 2017 में जामिया पहली यूनिवर्सिटी थी जिसने ये MoU साइन किया था और अपने मूल्यांकन के लिए अर्जी दी थी।'

यूनिवर्सिटी का मूल्यांकन कई पैमानों के आधार पर किया गया। इसमें यूनिवर्सिटी में कितनी तादाद में छात्रों ने UG, PG, P.hD और MPhill किया गया। इनमें कितनी विविधता थी, जिसमें लैंगिक अनुपात, दूसरे राज्यों से आकर पढ़ने वाले छात्रों की तादाद, विदेशों से आकर पढ़ने वाले छात्र, स्टूडेंट-टीचर का अनुपात, टीचर वैकेंसी, विजिटिंग फैकल्टी वगैरह शामिल था। यूनिवर्सिटी के अलावा यहां से पढ़े छात्रों में से कितनों का कैंपस प्लेसमेंट हुआ और कितने लोग NET, GATE में सिलेक्ट हुए इस पर भी रैंकिग की गई थी।

वित्तीय अधिकारों को लेकर भी रैंकिंग में एक पैमाना रखा गया। यूनिवर्सिटी को अलग-अलग कोर्स की फीस में इजाफा करने के लिए कहा गया था। निर्देश थे कि यूनिवर्सिटी अपने वित्तीय लेनदेन में वित्त मंत्रालय द्वारा 2017 में जारी किए गए जनरल फाइनेंशियल रूल्स को अपनाए।

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