लखीमपुर हिंसा: सोशल मीडिया पर मीडिया की खिंचाई, मंत्री ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए मांगे 50 लाख

Written by Sabrangindia Staff | Published on: October 4, 2021
लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर विवादों के घेरे में आए बीजेपी सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। इस बीच मीडिया को लेकर ट्विटर पर #इतनी_बेशर्मी_लाते_कहां_से_हो ट्रेंड कर रहा है। इसके साथ ही बीजेपी समर्थकों की तरफ से #योगी_जी_लठ_बजाओ ट्रेंड कराया जा रहा है। 



इस बीच मंत्री ने अपने बेटे (आशीष मिश्रा) और घटना के आरोपी आशीष मिश्र मोनू के घटनास्थल पर होने से साफ तौर पर इनकार किया। अजय मिश्रा ने कहा कि अगर उनका बेटा घटनास्थल पर होता तो वह भी जीवित नहीं बच पाता। बीजेपी सांसद ने पूरी घटना को साजिश करार देते हुए कहा कि आंदोलन कमजोर पड़ रहा है इसलिए इसे रचा गया।

पत्रकार वार्ता में अजय मिश्रा ने कहा, 'जिस तरह मानवता रहित होकर उन लोगों ने हरकत की है, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मेरा बेटा वहां होता तो वह भी जीवित नहीं बच पाता। मुझे इसके पीछे साजिश लगती है, हो सकता है उन्होंने मेरी गाड़ी को इसलिए निशाना बनाया हो क्योंकि उन्हें लगा हो कि मेरा बेटा गाड़ी के अंदर है।'

बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों को 50 लाख रुपये की मांग
अजय मिश्रा ने कहा, 'हमारे कार्यकर्ता जो घटना में मारे गए, उनके परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा मिले। घटना की कोई भी जांच हो सीबीआई, एसआईटी या फिर मौजूदा या रिटायर्ड जज की निगरानी में हो। सबूत सामने आए और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।'



मंत्री के बेटे आशीष की सफाई
केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी सफाई में कहा कि वह सुबह नौ बजे से कार्यक्रम खत्‍म होने तक बनवारीपुर में ही थे। उन्‍होंने अपने ऊपर लग रहे आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। साथ ही इस मामले की न्‍यायिक जांच कराने की मांग की। आशीष मिश्रा ने कहा कि मामले में दोषियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि उनके तीन वाहन डिप्‍टी सीएम को रिसीव करने गए थे। उन्‍हें दंगल के कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि शिरकत करनी थी। रास्‍ते में वाहनों पर कुछ अराजक तत्‍वों ने जमकर पत्‍थर चलाए। इसके बाद गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। तीन से चार कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मार डाला गया। 



पिता के साथ रहकर बनाया राजनीतिक रसूख
पेशे से खुद को किसान और व्‍यवसायी कहने वाले अजय मिश्रा ने ज्‍यों-ज्‍यों सियासी तरक्‍की की सीढ़ियां चढ़ीं, त्‍यों-त्‍यों उनके बेटे आशीष मिश्रा की राजनीतिक सक्रियता बढ़ती चली गई। आशीष, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के छोटे बेटे हैं। बताया जा रहा है कि वर्ष-2012 में पिता को एमएलए चुनाव का टिकट मिलने के बाद से ही वह राजनीति में सक्रिय हो गए थे। पिता के सियासी कामों के साथ ही वह पिता के पेट्रोल पंप, राइस मिल और अन्‍य व्‍यवसायों का भी जिम्‍मा सम्‍भालते रहे हैं। 

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