नई दिल्ली। सीबीआई को चिटफंड घोटाला मामलों में कोलकाता के पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ की इजाजत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होकर सभी अवसरों पर जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। कुमार तटस्थ स्थान पर सीबीआई के सामने पेश होंगे।
अदालत ने राजीव कुमार से पूछताछ के लिए मेघालय की राजधानी शिलांग को चुना है। मामले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह इसका सम्मान करेंगी। ममता ने कहा कि पुलिस कमिश्नर ने कभी नहीं कहा कि सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे। उन्होंने इस फैसले को अपनी जीत बताते हुए कहा ”कोई ये नहीं समझे कि वो देश का बॉस है, हमारे यहां लोकतंत्र है।”
अवमानना मामले में न्यायालय की अवमानना के संबंध में राज्य और पुलिस को नोटिस जारी किया गया है। अदालत में सीबीआई की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि “हमें जो दस्तावेज सौंपे गए, वो पूरे नहीं थे। हमें उन दस्तावेजों पर शक था। हमें मुहैया कराए गए कॉल रिकॉर्ड्स अधूरे थे।”
इस पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि “राजीव कुमार का उपलब्ध कराना मुश्किल नहीं होगा, लेकिन अवमानना हुई है या नहीं, यह अभी तय नहीं हो सकता। इसके लिए हमें दूसरे पक्ष को नोटिस जारी कर उनकी बात सुननी पड़ेगी।” पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरा प्रकरण शोषण और अपमान करने के लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ”हम पुलिस आयुक्त को निर्देश देंगे कि वह उपलब्ध हों और पूरी तरह सहयोग करें। हम अवमानना याचिका पर बाद में सुनवाई करेंगे।”
अदालत ने राजीव कुमार से पूछताछ के लिए मेघालय की राजधानी शिलांग को चुना है। मामले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह इसका सम्मान करेंगी। ममता ने कहा कि पुलिस कमिश्नर ने कभी नहीं कहा कि सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे। उन्होंने इस फैसले को अपनी जीत बताते हुए कहा ”कोई ये नहीं समझे कि वो देश का बॉस है, हमारे यहां लोकतंत्र है।”
अवमानना मामले में न्यायालय की अवमानना के संबंध में राज्य और पुलिस को नोटिस जारी किया गया है। अदालत में सीबीआई की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि “हमें जो दस्तावेज सौंपे गए, वो पूरे नहीं थे। हमें उन दस्तावेजों पर शक था। हमें मुहैया कराए गए कॉल रिकॉर्ड्स अधूरे थे।”
इस पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि “राजीव कुमार का उपलब्ध कराना मुश्किल नहीं होगा, लेकिन अवमानना हुई है या नहीं, यह अभी तय नहीं हो सकता। इसके लिए हमें दूसरे पक्ष को नोटिस जारी कर उनकी बात सुननी पड़ेगी।” पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरा प्रकरण शोषण और अपमान करने के लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ”हम पुलिस आयुक्त को निर्देश देंगे कि वह उपलब्ध हों और पूरी तरह सहयोग करें। हम अवमानना याचिका पर बाद में सुनवाई करेंगे।”