केरल हाईकोर्ट दो श्रद्धालुओं की आरएसएस द्वारा तिरुवनंतपुरम के सरकारा देवी मंदिर परिसर के 'अवैध उपयोग' को रोकने का आदेश देने की मांग की याचिका पर कहा कि पुलिस त्रावणकोर देवास्म बोर्ड द्वारा प्रबंधित मंदिरों में आरएसएस शाखाओं और मास ड्रिल पर प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करे।
Representation Image | Twitter
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि तिरुवनंतपुरम जिले में सरकारा देवी मंदिर के परिसर में किसी भी सामूहिक अभ्यास या हथियार प्रशिक्षण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एनडीटीवी के अनुसार, अदालत का यह निर्देश तब आया जब वह आरएसएस और उसके सदस्यों द्वारा मंदिर परिसर के ‘अवैध उपयोग और अनधिकृत कब्जे’ को रोकने का आदेश देने की मांग करने वाली दो श्रद्धालुओं की याचिका का निपटारा कर रही थी।
मंदिर का प्रबंधन त्रावणकोर देवास्म बोर्ड (टीडीबी) के अधीन है।
हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह बोर्ड द्वारा प्रबंधित मंदिरों में आरएसएस की शाखाओं और सामूहिक अभ्यासों पर रोक लगाने वाले टीडीबी के पहले के आदेश के सख्ती से अनुपालन के लिए जरूरी मदद दे।
जस्टिस अनिल के। नरेंद्रन और पीजी अजितकुमार ने एक हालिया आदेश में कहा, ‘उक्त मंदिर परिसर में किसी भी सामूहिक अभ्यास या हथियारों की ट्रेनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो टीडीबी प्रबंधन के अधीन है। चिरयिन्कीझु थाने के एसएचओ निषेधाज्ञा का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी को आवश्यक सहायता देंगे।’
गौरतलब है कि केरल में मंदिरों का प्रबंधन करने वाले टीडीबी ने 18 मई को एक नया सर्कुलर जारी कर अधिकारियों से कहा था कि वे उसके अधीन आने वाले मंदिरों में आरएसएस की ‘शाखाओं’ या मास ड्रिल पर प्रतिबंध लगाने वाले पहले के आदेश का सख्ती से पालन करें।
उस सर्कुलर में टीडीबी ने कहा कि जो अधिकारी उसी संबंध में उसके 2021 के आदेश का पालन करने से इनकार करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
टीडीबी ने 2016 में जारी सर्कुलर में आरएसएस द्वारा मंदिर परिसरों में सभी प्रकार के हथियार प्रशिक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में, 30 मार्च, 2021 को बोर्ड ने फिर से सर्कुलर जारी कर अधिकारियों से कार्रवाई करने को कहा।
2016 में, तत्कालीन देवास्म मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने दावा किया था कि आरएसएस केरल में मंदिरों को हथियारों के भंडार में बदलने की कोशिश कर रहा है और सरकार को इस संबंध में बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इसी साल जून महीने में हाईकोर्ट ने तिरुवनंतपुरम में श्री सरकारा देवी मंदिर परिसर में हथियारों की कथित ट्रेनिंग को लेकर आरएसएस सदस्यों को नोटिस जारी किया था।
तब भी हाईकोर्ट दो श्रद्धालुओं और मंदिर के आसपास के निवासियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया है कि आरएसएस सदस्यों की कथित मास ड्रिल/हथियार ट्रेनिंग से मंदिर में आने वाले भक्तों और तीर्थयात्रियों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को कठिनाई हो रही है।
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केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि तिरुवनंतपुरम जिले में सरकारा देवी मंदिर के परिसर में किसी भी सामूहिक अभ्यास या हथियार प्रशिक्षण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एनडीटीवी के अनुसार, अदालत का यह निर्देश तब आया जब वह आरएसएस और उसके सदस्यों द्वारा मंदिर परिसर के ‘अवैध उपयोग और अनधिकृत कब्जे’ को रोकने का आदेश देने की मांग करने वाली दो श्रद्धालुओं की याचिका का निपटारा कर रही थी।
मंदिर का प्रबंधन त्रावणकोर देवास्म बोर्ड (टीडीबी) के अधीन है।
हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह बोर्ड द्वारा प्रबंधित मंदिरों में आरएसएस की शाखाओं और सामूहिक अभ्यासों पर रोक लगाने वाले टीडीबी के पहले के आदेश के सख्ती से अनुपालन के लिए जरूरी मदद दे।
जस्टिस अनिल के। नरेंद्रन और पीजी अजितकुमार ने एक हालिया आदेश में कहा, ‘उक्त मंदिर परिसर में किसी भी सामूहिक अभ्यास या हथियारों की ट्रेनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो टीडीबी प्रबंधन के अधीन है। चिरयिन्कीझु थाने के एसएचओ निषेधाज्ञा का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी को आवश्यक सहायता देंगे।’
गौरतलब है कि केरल में मंदिरों का प्रबंधन करने वाले टीडीबी ने 18 मई को एक नया सर्कुलर जारी कर अधिकारियों से कहा था कि वे उसके अधीन आने वाले मंदिरों में आरएसएस की ‘शाखाओं’ या मास ड्रिल पर प्रतिबंध लगाने वाले पहले के आदेश का सख्ती से पालन करें।
उस सर्कुलर में टीडीबी ने कहा कि जो अधिकारी उसी संबंध में उसके 2021 के आदेश का पालन करने से इनकार करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
टीडीबी ने 2016 में जारी सर्कुलर में आरएसएस द्वारा मंदिर परिसरों में सभी प्रकार के हथियार प्रशिक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में, 30 मार्च, 2021 को बोर्ड ने फिर से सर्कुलर जारी कर अधिकारियों से कार्रवाई करने को कहा।
2016 में, तत्कालीन देवास्म मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने दावा किया था कि आरएसएस केरल में मंदिरों को हथियारों के भंडार में बदलने की कोशिश कर रहा है और सरकार को इस संबंध में बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इसी साल जून महीने में हाईकोर्ट ने तिरुवनंतपुरम में श्री सरकारा देवी मंदिर परिसर में हथियारों की कथित ट्रेनिंग को लेकर आरएसएस सदस्यों को नोटिस जारी किया था।
तब भी हाईकोर्ट दो श्रद्धालुओं और मंदिर के आसपास के निवासियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया है कि आरएसएस सदस्यों की कथित मास ड्रिल/हथियार ट्रेनिंग से मंदिर में आने वाले भक्तों और तीर्थयात्रियों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को कठिनाई हो रही है।
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