अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्राइवेट जेल चलाने का करार खत्म कर दिया है। इस तरह उन्होंने ओबामा के दौर की नीति बदलने के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक फैसले को पलट दिया है। देश में कई संगठन और एक्टिविस्ट लंबे समय से प्राइवेट जेलों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। निजी जेलों में कैदियों से बदसलूकी और हिंसा की घटनाएं अधिक होती हैं।
न्याय विभाग की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकारी जेलों के मुकाबले प्राइवेट जेलों में कैदियों के बीच संघर्ष की घटनाएं 28%अधिक हुई हैं। कैदियों के जेल कर्मियों पर हमले की घटनाएं भी दोगुनी हुईं। बाइडेन का आदेश केंद्रीय न्याय विभाग के कांट्रेक्ट की 11 निजी जेलों पर लागू होगा। राज्यों को प्राइवेट जेल चलाने का अधिकार रहेगा। 2019 में राज्यों की निजी जेलों में 88 हजार 500 कैदी बंद थे। 2019 के अंत में प्राइवेट जेलों में केंद्र सरकार के 27 हजार 400 कैदी थे।
अब इन कैदियों को फेडरल जेलों में रखा जाएगा। न्याय विभाग द्वारा निजी जेलों का उपयोग ट्रम्प के शासनकाल में बढ़ा है। 2019 में केंद्र सरकार ने निजी जेल चलाने वाले जीईओ ग्रुप की जेलों पर 4374 करोड़ रुपए खर्च किए थे। 2014 में ओबामा सरकार का खर्च 1895 करोड़ रुपए था। ओबामा ने इसके बाद कॉण्ट्रेक्ट खत्म कर दिया था।
बाइडेन ने 26 जनवरी को कॉन्ट्रेक्ट खत्म करने का आदेश जारी करते हुए कहा था कि कंपनियों को लोगों की कैद से मुनाफा कमाने से रोकने की दिशा में यह पहला कदम है। डिटेंशन वॉच वर्क संगठन की सिल्की शाह का कहना है,बाइडेन सरकार को अब होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और निजी जेल इंडस्ट्री के बीच जहरीले संबंधों की समस्या पर ध्यान देना चाहिए।
बाइडेन का आदेश केवल न्याय विभाग के कांट्रेक्ट की निजी जेलों पर लागू होगा। इससे होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) के तहत इमिग्रेशन और कस्टम एनफोर्समेंट (आईसीइ) के निजी जेल प्रभावित नहीं होंगे। ट्रम्प सरकार में ऐसी जेलों की संख्या 75% बढ़ी है। 2019 में आईसीइ ने हर दिन औसतन 50 हजार लोगों को हिरासत में लिया था। जनवरी 2020 में आईसीइ की हिरासत के 81% व्यक्ति निजी जेलों में कैद थे।
न्याय विभाग की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकारी जेलों के मुकाबले प्राइवेट जेलों में कैदियों के बीच संघर्ष की घटनाएं 28%अधिक हुई हैं। कैदियों के जेल कर्मियों पर हमले की घटनाएं भी दोगुनी हुईं। बाइडेन का आदेश केंद्रीय न्याय विभाग के कांट्रेक्ट की 11 निजी जेलों पर लागू होगा। राज्यों को प्राइवेट जेल चलाने का अधिकार रहेगा। 2019 में राज्यों की निजी जेलों में 88 हजार 500 कैदी बंद थे। 2019 के अंत में प्राइवेट जेलों में केंद्र सरकार के 27 हजार 400 कैदी थे।
अब इन कैदियों को फेडरल जेलों में रखा जाएगा। न्याय विभाग द्वारा निजी जेलों का उपयोग ट्रम्प के शासनकाल में बढ़ा है। 2019 में केंद्र सरकार ने निजी जेल चलाने वाले जीईओ ग्रुप की जेलों पर 4374 करोड़ रुपए खर्च किए थे। 2014 में ओबामा सरकार का खर्च 1895 करोड़ रुपए था। ओबामा ने इसके बाद कॉण्ट्रेक्ट खत्म कर दिया था।
बाइडेन ने 26 जनवरी को कॉन्ट्रेक्ट खत्म करने का आदेश जारी करते हुए कहा था कि कंपनियों को लोगों की कैद से मुनाफा कमाने से रोकने की दिशा में यह पहला कदम है। डिटेंशन वॉच वर्क संगठन की सिल्की शाह का कहना है,बाइडेन सरकार को अब होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और निजी जेल इंडस्ट्री के बीच जहरीले संबंधों की समस्या पर ध्यान देना चाहिए।
बाइडेन का आदेश केवल न्याय विभाग के कांट्रेक्ट की निजी जेलों पर लागू होगा। इससे होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) के तहत इमिग्रेशन और कस्टम एनफोर्समेंट (आईसीइ) के निजी जेल प्रभावित नहीं होंगे। ट्रम्प सरकार में ऐसी जेलों की संख्या 75% बढ़ी है। 2019 में आईसीइ ने हर दिन औसतन 50 हजार लोगों को हिरासत में लिया था। जनवरी 2020 में आईसीइ की हिरासत के 81% व्यक्ति निजी जेलों में कैद थे।